चीन द्वारा निर्मित शनचन-चोंगशान चैनल जुड़ गया

चीन के क्वांगतोंग-हांगकांग-मकाओ ग्रेटर बे एरिया की सुपर परियोजना यानी शनचन-चोंगशान चैनल का निर्माण 28 नवंबर को जुड़ गया है, जो कि समुद्र के ऊपर बनने वाली बहुत मुश्किल क्लस्टर परियोजना है। अगले साल इसपर यातायात शुरू होगा। बताया जाता है कि शनचन-चोंगशान चैनल पूरी तरह चीन के स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार वाली परियोजना है।.

चीन के क्वांगतोंग-हांगकांग-मकाओ ग्रेटर बे एरिया की सुपर परियोजना यानी शनचन-चोंगशान चैनल का निर्माण 28 नवंबर को जुड़ गया है, जो कि समुद्र के ऊपर बनने वाली बहुत मुश्किल क्लस्टर परियोजना है। अगले साल इसपर यातायात शुरू होगा।

बताया जाता है कि शनचन-चोंगशान चैनल पूरी तरह चीन के स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार वाली परियोजना है। इसकी कुल लंबाई 24 किलोमीटर है और समुद्र के नीचे बनी सुरंग करीब 6.8 किलोमीटर लंबी है।

शनचन-चोंगशान चैनल पर दोनों दिशाओं में 8 लेन हैं और डिज़ाइन की गति प्रति घंटा 100 किलोमीटर है। वर्ष 2024 में इसपर यातायात शुरू होगा। तब शनचन से चोंगशान जाने का समय दो घंटे से घटकर लगभग 20 मिनट तक कम होगा।

चीन के शीर्ष विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों और निर्माण डिज़ाइन कंपनियों ने पांच सालों में तकनीकी अनुसंधान और निर्माण किया। चैनल के निर्माण का स्तर दुनिया के बराबर परियोजनाओं से ज्यादा ऊँचा है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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