नई दिल्ली: इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली में इंटरनल मैडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार डॉ सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि मेरे पास ऐसे कई मरीज हैं जिनकी उम्र 20 वर्ष के आसपास है और वो तब तक विश्वास नहीं करते कि उन्हें उच्च कोलेस्ट्रॉल है जब तक कि वो अपनी लिपिड प्रोफाइल रिपोर्ट नहीं देख लेते।
कोलेस्ट्रॉल की बीमारी लंबे समय से बुजुर्गों की बीमारी कही जाती रही है लेकिन हाल के वर्षों में एक चिंताजनक रिकॉर्ड सामने आया है जिसमें युवा आबादी में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता ट्रेंड देखा गया है। सबसे डराने वाली बात है कि इस हैल्थ इश्यू को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि हाई कोलेस्ट्रॉल बहुत देर होने तक ध्यान देने योग्य लक्षण प्रस्तुत नहीं करता है।
यह जीवनशैली और डायट्री हैबिट्स से जुड़ा है जिसकी शुरुआत आपके बचपन के चिप्स के पैकेट से होती है। सैचुरेटेड फैट्स और ट्रांस फैट से भरपूर प्रॉसेस्ड फूड और फास्ट फूड का ट्रेंड हाल के दशकों में आसमान छू गया है। अनहैल्दी फूड हैबिट्स, खराब लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी की कमी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। फैमिली हिस्ट्री और डायबिटीज भी इसकी वजह हो सकती है।