नई दिल्ली: नवरात्री का नौ दिन नौ देवियो की उपासना की जाती है। घर में सुबह शाम माँ की आरती कर उन्हें प्रसन किया जाता है। जैसे की 9 अप्रैल से नवरात्री की शुरुआत हुई थी आज नवरात्री का छठा दिन है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था।इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है। माता की चार भुजाएं है जिसमे अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है।
मां कात्यायनी का वाहन सिंह है। ये माता ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। दरअसल गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इस माता यानि मां कात्यायनी की पूजा की थी। वही विवाह से जुड़े मामले के लिए इनकी पूजा अचूक मानी जाती है। अच्छा और मन पसंद पति भी इन्ही के कृपा से मिलता है। ज्योतिष ने माता का संबंध बृहस्पति से माना जाना चाहिए। आइए इसके साथ ही जानते है कि मां कात्यायनी किस तरह से प्रसन कर सकते है और इनके पूजा के विधि के बारे में जानते है।
किस तरह से करें माँ कात्यायनी की पूजा:
भक्तो को गोधूली वेला के समय पीले या लाल कपड़े पहन कर माता की पूजा अर्चना करनी चाहिए। माता को फूलो में पीले रंग के फूल अर्पित करें। इसके अगर आप शहद अर्पित करते है तो ये बहुत ही शुभ मन जाता है। मां को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से जल्दी विवाह के योग बनते हैं। इसके साथ ही प्रेम संबंधी समस्याए भी दूर रहती है।
शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
यदि किसी को मन चाहे विवाह या प्रेम विवाह में कोई समस्या हो आ रही हो वो मां कात्यायनी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते है माँ की किर्पा उन लोगो पर जल्द ही होती है। वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है। गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें। इसके बाद तीन गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं।
फिर मां कात्यायनी के मंत्र “कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।”. इसके बाद हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें। माँ को नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्ययानी को शहद का भोग लगाएं। फिर इसे प्रसाद के रूप में सबको बांट दें। इससे आपकी तमाम मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।