डलहौज़ी में 15 सालों से बंद पड़ा पंजाब का इकलौता सरकारी रेशम बीज उत्पादन दोबारा शुरू

उन्होंने बताया कि इस सैंटर से कंडी ज़िलों गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर और रोपड़ आदि के किसानों को लाभ पहुँचेगा।

चंडीगढ़/डलहौज़ी: मुख्य मंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के अथक प्रयासों से, हिमाचल प्रदेश के डलहौज़ी स्थित पिछले 15 सालों से बंद पड़े पंजाब के एकलौते सरकारी सैरीकलचर रेशम बीज उत्पादन सेंटर को फिर से शुरू किया गया है। बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज सैंटर का दौरा करके जायज़ा लिया और आधिकारियों को ज़रूरी हिदायतें दी।

बाग़बानी मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने राज्य की इस अमानत को अनदेखा किया हुआ था परन्तु मुख्य मंत्री स. भगवंत सिंह मान की सोच के तहत उन्होंने इस केंद्र को फिर से शुरू किया। उन्होंने बताया कि इस सैंटर के लिए पहली किश्त के तौर पर 14 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है जिससे सितम्बर से सिल्क सीड ग्रेनेज तैयार करके किसानों को रेशम का बीज सस्ते भाव पर दिया जाएगा।

स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि डलहौज़ी का वातावरण रेशम बीज उत्पादन के लिए बहुत अनुकूल है और केंद्र के शुरू होने के साथ पंजाब के कंडी क्षेत्र के लगभग 1500 किसानों को सीधे तौर पर लाभ होगा। उन्होंने बताया कि इस सैंटर से कंडी ज़िलों गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर और रोपड़ आदि के किसानों को लाभ पहुँचेगा।

बाग़बानी मंत्री ने बताया कि इससे पहले विभाग द्वारा रेशम कीट पालकों को केंद्रीय रेशम बोर्ड के सैंटरों से रेशम बीज मुहैया करवाया जा रहा था परन्तु अब डलहौज़ी स्थित इस रेशम बीज सैंटर के चालू होने से राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर रेशम बीज तैयार किया जा सकेगा और ट्रांसपोर्टेशन के कम ख़र्चे पर रेशम कीट पालकों को रेशम बीज मुहैया करवाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में अपनी स्तर पर रेशम बीज सैंटर चालू होने के साथ रेशम बीज का अधिक उत्पादन होगा और इससे राज्य में रेशम की पैदावार भी बढ़ेगी और अधिक से अधिक किसानों मुख्य तौर पर औरतों को इस काम के साथ जोड़ा जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि सैरीकलचर विंग बाग़बानी विभाग का एक अहम हिस्सा है, जो राज्य में रेशम उत्पादन के साथ-साथ कंडी क्षेत्र के ग़रीब रेशम कीट पालकों को रोज़गार मुहैया करवाने में बहुत सहायक हो रहा है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि उन्होंने डायरैक्टर बाग़बानी को भी निर्देश दिए हैं कि वह विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत रेशम कीट पालकों को हर पक्ष से ज़रूरी तकनीकी और वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध करवाएं ताकि राज्य में अधिक से अधिक रेशम उत्पादन किया जा सके और ग़रीब किसानों के सामाजिक और आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाया जा सके।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री के साथ हरदीप सिंह डिप्टी डायरैक्टर बाग़बानी, जतिन्दर कुमार बाग़बानी विकास अधिकारी, अवतार सिंह मैनेजर, सुखवीर सिंह सैरीकलचर परमोशन अधिकारी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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