विज्ञापन

केदारनाथ में फंसे यात्रियों को निकलने का काम अभी तक जारी, 7234 यात्रियो को किया गया रेस्क्यू

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के केदार घाटी में बुधवार रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश के कारण केदार घाटी में कई जगह रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभिन्न पड़ावों पर फंसे तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। अब तक कुल 7234 यात्रियों.

- विज्ञापन -

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के केदार घाटी में बुधवार रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश के कारण केदार घाटी में कई जगह रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभिन्न पड़ावों पर फंसे तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। अब तक कुल 7234 यात्रियों को हेलीकॉप्टर एवं मैनुअल तरीके से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है। हर स्तर पर सभी लोगों के सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव कार्यों में तेजी लाने हेतु वायु सेना का चिनूक एवं एमआई 17 विमान से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट किया। वहीं मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है।

आपदा में मृतकों एवं गुमशुदा यात्रियों के संबंध में रुद्रप्रयाग प्रशासन द्वारा स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि अभी तक दो मृतकों के शव बरामद हुए हैं। दोनों ही शव लिंचोली क्षेत्र से बरामद हुए हैं। किसी के गुमशुदा होने की कोई सूचना नहीं है। नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या के कारण यात्रियों को परिजनों से संपर्क करने में समस्या हो रही है। विभिन्न यात्रा पड़ावों पर ठहरे यात्रियों हेतु प्रशासन के स्तर से पर्याप्त भोजन, पानी व आवासीय व्यवस्था भी की गई हैं।

जनपद पुलिस के स्तर से हेल्पलाइन नम्बर 7579257572, 01364-233387 व आपातकालीन नम्बर 112 जारी कर यात्रियों के परिजनों की कॉल्स पर आवश्यक जानकारी दी जा रही है। भीमबली में रुके यात्रियों को प्रीपेड काउंटर पर लगे वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से 150 यात्रियों ने अपने परिजनो से वार्ता कर अपनी-अपनी कुशलता दी गई है।

शुक्रवार को 599 लोगों को हेली सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया, जबकि सोनप्रयाग से जंगलचट्टी के बीच फंसे 2024 तथा चौमासी से 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया। अभी रेस्क्यू का अभियान बारिश के कारण बंद कर दिया गया है तथा सभी यात्री गण सुरक्षित स्थानों पर रखे गये हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, वन विभाग, संबंधित जिला पुलिस और फायर एवं इमरजेंसी सेवाएं की टीमें बचाव कार्य में जुटीं हैं।

Latest News