भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक आसानी से दोगुना हो सकता है : नीति आयोग

नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था का आकार आसानी से दोगुना कर सकता है। ‘पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया’ (पीएएफआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भारत के लिए जलवायु प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने का एक अवसर.

नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था का आकार आसानी से दोगुना कर सकता है। ‘पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया’ (पीएएफआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भारत के लिए जलवायु प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था 2030 तक आसानी से दोगुनी हो जाएगी.. 2026-2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की महत्वाकांक्षा के लिए एक सुसंगत व्यापक रणनीति की आवश्यकता है।’ अमरीकी डॉलर के संदर्भ में वर्तमान में भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका आकार करीब 3,700 अरब अमरीकी डॉलर है।

उन्होंने कहा, ‘भारत एक बड़ा प्रभावशाली खिलाड़ी होगा.पहले ही उसका काफी महत्व है और 2047 तक वैश्विक मामलों में इसका और भी अधिक महत्व होगा।’ सुब्रह्मण्यम ने कहा कि 2047 तक भारत जनसांख्यिकी दृष्टि से दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक होगा। वह समृद्धि की ओर अग्रसर होगा तथा अनुमानित प्रति व्यक्ति आय करीब 18,000 से 20,000 अमरीकी डॉलर होगी। उन्होंने कहा कि हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है और आयोग 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सजर्न के लिए एक मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने एक कार्यबल का गठन किया है और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’

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