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‘बटेंगे तो कटेगें’ के नारे को मिला RSS का समर्थन, “हिंदू समाज को तोड़ने के लिए कई शक्तियां कर रही काम”

सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने मथुरा बैठक के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि यदि हिन्दू समाज जाति, भाषा, प्रांत, अगड़ा-पिछड़ा में भेद करेंगे तो हम कटेंगे।

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नैशनल डेस्क: “बटेंगे तो कटेगें, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे और सुरक्षित रहेंगे,” भाजपा के फायरब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये ब्यान बहुत दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। अब इस ब्यान को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सपोर्ट मिल गया है।

सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने मथुरा बैठक के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि यदि हिन्दू समाज जाति, भाषा, प्रांत, अगड़ा-पिछड़ा में भेद करेंगे तो हम कटेंगे। इसलिए एकता जरूरी है। हिंदू समाज की एकता लोक कल्याण के लिए है। वो सबको सुख प्रदान करेगी। हिंदुओं को तोड़ने के लिए शक्तियां काम कर रही हैं। राष्ट्र और राष्ट्रीय हित के लिए एकता जरूरी है।

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि हम सार्वजनिक संगठन हैं। हम बीजेपी, कांग्रेस, उद्योगपति सभी लोगों से मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि समाज में नफरत न हो।

CM योगी का ब्यान-
आगरा में 27 अगस्त के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं। राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हम एक होंगे। बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए, बंटेंगे तो कटेंगे। एक रहेंगे-नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचेंगे।

PM मोदी का समर्थन-
5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के ठाणे और वाशिम में जनसभा में कहा था कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। हमें याद रखना है कि अगर हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे।

जातीय जनगणना की काट-
आने वाले दिनों में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। विपक्ष जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर हो रहा था। परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ब्यान को जातीय जनगणना के मुद्दे की काट के तौर पर देखा जा रहा है।

कांग्रेस का RSS से सवाल-
योगी के ब्यान पर आरएसएस के समर्थन पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, यह बड़ा सवाल है कि जातियों के नाम पर कौन बांट रहा है? दूसरी बात यह है आप यह बयान दे रहे हैं कि कि बटोगे तो कटोगे। आरएसएस को यह बताना चाहिए कि किससे खतरा है। पिछले 70-75 सालों के अंदर किसने किसे काटा है? आरएसएस और भाजपा के नेता देश के अंदर नफरत फैलाने के अलावा दूसरा काम नहीं कर रहे हैं। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए वह देश के लोगों को बांटने की बात कर रहे हैं नफरत फैलाने की बात कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है मैं ऐसे लोगों की निंदा करता हूं।

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