Sardar Vallabhbhai Patel : सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती के असवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के एकता नगर के केवड़िया में उनको श्रद्धांजलि दी। इस दौरान इन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत की एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल हुई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल भारत की एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरे रहे हैं और राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता सरकार के हर काम और हर मिशन में दिखाई देती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के एकता नगर स्थित केवड़िया परेड ग्राउंड में सरदार पटेल को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पति करने और सशस्त्र बलों के जवानों की शानदार परेड देखने के बाद अपने संबोधन में यह बात कहीं। पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज सरकार के हर काम, हर मिशन में राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई दे रही है। सच्चे भारतीय होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम राष्ट्रीय एकता की दिशा में किए जा रहे हर प्रयास का उत्साह और ऊर्ज के साथ जश्न मनाएं, नए संकल्पों, उम्मीदों और उत्साह को मजबूत करें। यही सच्चा जश्न है।‘
उन्होंने कहा कि देश एक राष्ट्र पहचान, आधार की सफलता देख रहा है और दुनिया भी इसकी चर्चा कर रही है। पीएम माेदी ने कहा, कि ‘पहले भारत में अलग-अलग टैक्स व्यवस्था थी, लेकिन हमने वन नेशन वन टैक्स सिस्टम, जीएसटी बनाया। हमने वन नेशन वन पावर ग्रिड के साथ देश के बिजली क्षेत्र को मजबूत किया। हमने वन नेशन वन राशन कार्ड के माध्यम से गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को एकीकृत किया। हमने आयुष्मान भारत के रूप में देश के लोगों को वन नेशन वन हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा प्रदान की है। एकता के लिए हमारे इन प्रयासों के तहत, हम अब वन नेशन वन इलेक्शन की दिशा में काम कर रहे हैं, जो भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा।‘
पीएम माेदी ने कहा कि ‘आज भारत वन नेशन सिविल कोड यानी धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ रहा है..भारत की भाषाओं को बढ़ावा देकर हम एकता के बंधन को मजबूत करते हैं। नई शिक्षा नीति इसका एक शानदार उदाहरण है, जिसे देश ने गर्व के साथ अपनाया है।‘ पीएम माेदी ने कहा, कि आज पूरा देश खुश है कि आजादी के सात दशक बाद एक देश और एक संविधान का संकल्प पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह सरदार साहब को मेरी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। 70 साल तक बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ। संविधान का नाम जपने वालों ने इसका अपमान किया।