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खोई प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए अपना पुराना जोश और जुनून जगाएं कोहली और रोहित: ग्रेग चैपल 

Rohit and Kohli : भारत के पूर्व मुख्य कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को अगर अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करनी है तो उन्हें अपने युवा दिनों के जोश और जुनून को फिर से जगाना होगा। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ करारी हार का सामना करने के बाद अब.

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Rohit and Kohli : भारत के पूर्व मुख्य कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को अगर अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करनी है तो उन्हें अपने युवा दिनों के जोश और जुनून को फिर से जगाना होगा।
भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ करारी हार का सामना करने के बाद अब ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है जहां पांच मैच की श्रृंखला 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होगी। कोहली और रोहित इस महत्वपूर्ण श्रृंखला से पहले रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं।
चैपल ने अपने एक लेख में सचिन तेंदुलकर के साथ 2005 में हुई बातचीत का जिक्र करते हुए उम्र बढऩे के साथ खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया है।
तेंदुलकर ने चैपल के विचार जानने के लिए उनसे पूछा,‘‘ग्रेग उम्र बढऩे के साथ बल्लेबाजी करना मुश्किल क्यों हो जाता है जबकि उसे आसान होना चाहिए।
चैपल ने लिखा है,‘‘मैंने उनसे कहा कि उम्र बढऩे के साथ पहले की तरह बल्लेबाजी करने के लिए मानसिक ज़रूरतें बढ़ जाती है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि आपको अहसास हो जाता है कि इस स्तर पर रन बनाना कितना मुश्किल हो जाता है तथा एकाग्रता बनाए रखना कितना कठिन हो जाता है जो कि सफल होने के लिए आवशय़क हैं।’’ चैपल ने कहा, ‘‘उम्र बढऩे के साथ आपकी आंखों की रोशनी या रिफ्लेक्स कम नहीं होते बल्कि वह एकाग्रता है जिसे बरकरार रखना मुश्किल हो जाता है।
जब आप युवा होते हैं तो आपके दिमाग की एकाग्रता रन बनाने पर होती है। उम्र बढऩे के साथ विरोधी टीम भी आपकी कमजोरी को जानने लगते हैं तथा आप परिस्थितियों को लेकर अधिक सजग हो जाते हैं।’’ ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व दिग्गज ने कोहली, रोहित और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को इस खेल के दिग्गज करार देते हुए कहा,‘‘जब आप युवा होते हैं तो परिस्थितियों और मैच की स्थिति को लेकर चिंता नहीं करते। आपका ध्यान केवल रन बनाने पर लगा होता है ।’’
चैपल ने तेंदुलकर को समझाया, ‘‘अगर आप उसी तरह खेलना चाहते हैं जैसे आपने एक युवा खिलाड़ी के रूप में खेला था, तो आपको उस दृष्टिकोण और विचार प्रक्रियाओं को फिर से जागृत करना होगा जो एक युवा खिलाड़ी के रूप में आपके पास थी। उम्रदराज़ खिलाड़ी के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है।’’ चैपल ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली श्रृंखला में खिलाड़ियों के कौशल के साथ उनकी मानसिक मजबूती और दमखम की भी परीक्षा होगी।
उन्होंने कहा,‘‘प्रत्येक खिलाड़ी को अपने युवा दिनों की तरह के जोश और जुनून को जगाना होगा। इससे पता चलता है कि रोहित, कोहली और स्मिथ को इस श्रृंखला में किस तरह की चुनौती का सामना करना है। वे जानते हैं कि विरोधी टीम ने उनकी तकनीक और कमजोरी का अच्छी तरह से आकलन किया है और उन्होंने आपकी छोटी से छोटी कमजोरी का फायदा उठाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है।’’
चैपल ने कहा,‘‘कोहली को अपने जोश, जुनून और उच्च मानदंड स्थापित करने के लिए जाना जाता है। उनके हाल के खराब प्रदर्शन ने हर किसी को परेशान किया है। उन्हें अब धैर्य और एकाग्रता बनाए रखने पर काम करना होगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘जहां तक रोहित का सवाल है तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के दबाव के बीच संतुलन बनाना होगा। अगर भारत को अच्छा प्रदर्शन करना है तो उन्हें संतुलित आक्रामकता अपनानी होगी।’’ चैपल ने कहा,‘‘रोहित, कोहली और स्मिथ के लिए असली जंग विरोधी टीम से नहीं बल्कि समय के साथ है।’’

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