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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114प्रयागराज। महाकुंभ-2025 के लिए निमंत्रण पत्र वितरण शुरू हो गया है। इस महाकुंभ स्नान के लिए अखाड़ों के इष्ट देव, देवता गढ़, पंच परमेश्वर, महानिर्वाणी अखाड़ा के संत, महंत, महामंडलेश्वर और मां गंगा के भक्तों को कुंभ मेला प्रवेश शोभायात्रा और कुंभ पर्व अमृत स्नान के लिए निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। इस विशेष निमंत्रण पत्र का वितरण को लेकर महानिर्वाण अखाड़ा के महंत यमुना पुरी से खास बातचीत की। महानिर्वाण अखाड़ा के महंत यमुना पुरी ने बताया कि निमंत्रण कार्ड तो प्राचीन काल से चले आ रहे हैं, सतयुग में भी निमंत्रण कार्ड का प्रचलन था। कभी भोजपत्र पर, तो कभी कपड़ों पर लिखकर व्यवस्थित तरीके से इन्हें भेजा जाता था। पहले कागजों पर हस्तलिखित निमंत्रण भेजे जाते थे, लेकिन अब पिंट्रिंग की दुनिया ने इसे आसान बना दिया है। टाइप करने में सुविधा होती है, इसलिए अब यह टाइप किए जाते हैं। किसी भी शुभ अवसर पर निमंत्रण भेजना हमारी संस्कृति का हिस्सा है।
उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में यह परंपरा और भी विकसित हो गई है, क्योंकि आधुनिक विज्ञान ने इसे नया रूप दिया है। समय बदला है और अब व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए भी आमंत्रण निमंत्रण भेजा जाता है। हम सबसे पहले अपने आराध्य देव के मंदिर में जाते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद हम श्री पंच परमेश्वर को निमंत्रण भेजते हैं और फिर महंत, मंडलेश्वर और समाज सेवा से जुड़े संस्थाओं को भी पत्रचार के माध्यम से निमंत्रण भेजते हैं।
बता दें कि कुंभ में लाखों की तादाद में श्रद्धालु गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। यह आयोजन धार्मकि, सांस्कृतिक और सामाजिक समागम है, जो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। महाकुंभ-2025 को सफल बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार भी युद्धस्तर पर काम कर रही है।