China-India Relations : साल 2024 चीन और भारत के संबंधों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन हाल के महीनों में द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं। दोनों देशों ने कूटनीतिक वार्ताओं, व्यापारिक साझेदारी, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर आपसी समझ और विश्वास को मजबूत करने का प्रयास किया है।
2024 में चीन-भारत संबंधों की मुख्य उपलब्धियां
इस वर्ष दोनों देशों ने व्यापार में सुधार और नई संभावनाओं की तलाश पर ध्यान केंद्रित किया। भारत और चीन के बीच व्यापारिक असंतुलन को कम करने और साझेदारी के नए क्षेत्रों, जैसे हरित ऊर्जा, उच्च तकनीक, और विनिर्माण में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई। सांस्कृतिक आयोजनों और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा दिया गया। खासकर युवा पीढ़ी के बीच आपसी समझ और संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
G20 शिखर सम्मेलन और ब्रिक्स बैठक में चीन और भारत ने जलवायु परिवर्तन, विकासशील देशों के हितों की रक्षा, और वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूती देने के लिए एकजुटता प्रदर्शित की। सीमा विवादों को सुलझाने के लिए दोनों देशों ने कई दौर की बातचीत की। हालांकि, पूर्ण समाधान अभी बाकी है, लेकिन दोनों पक्ष तनाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध दिखे। पिछले दिनों पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने कजान में ब्रिक्स के साइडलाइंस पर द्विपक्षीय बातचीत की। दोनों नेता पांच साल में पहली बार मिले। दोनों देशों ने डिसएंगेजमेंट को लेकर हालिया समझौते और साल 2020 में उठे मुद्दों के समाधान की दिशा में बढ़े कदमों का स्वागत किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने इन मुद्दों और विवादों को सही तरह से हैंडल करने और इनसे शांति और स्थिरता को बिगड़ने ना देने के महत्व पर जोर दिया। भारत चीन सीमा के मुद्दों को लेकर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर भी बातचीत हुई जैसे भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं फिर से बहाल की जाए, दोनों देशों के विद्यार्थियों, पर्यटकों को वीजा में छूट दी जाए एवं दोनों देशों के पत्रकारों को भी वीसा दिया जाये ताकि दोनों देशों के बीच संबधों में सुधार लाया जा सके।
2025 में चीन-भारत संबंधों का भविष्य
साल 2025, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है, ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस अवसर पर संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए कई संभावनाएं हैं।नियमित वार्ता और उच्च-स्तरीय बैठकों के माध्यम से आपसी विश्वास को और गहरा करने का प्रयास किया जा सकता हैं।व्यापारिक बाधाओं को दूर करने, व्यापार असंतुलन को कम करने और संयुक्त उद्यम स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। दोनों देशों के लिए हरित ऊर्जा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग के बड़े अवसर हैं।सांस्कृतिक उत्सव, पर्यटन, और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाकर दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध और मजबूत किए जा सकते हैं।
वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन, और डिजिटल विभाजन को दूर करने में चीन और भारत मिलकर नेतृत्वकारी भूमिका निभा सकते हैं। चीन-भारत संबंधों में सुधार और सहयोग के संकेत दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक दिशा की ओर इशारा करते हैं। 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, इन संबंधों को और गहरा करने का यह एक महत्वपूर्ण मौका होगा। यदि दोनों देश मतभेदों को दूर करने और सहयोग के क्षेत्रों को बढ़ाने में सफल होते हैं, तो यह एशिया और विश्व के लिए एक स्थिरता और विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक—देवेंद्र सिंह)