नई दिल्ली: भारत में 3 करोड़ से ज्यादा महिला-स्वामित्व वाले नए उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं। ये दावा उद्यमिता को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट करती है। उद्यमशीलता का लोकतंत्रीकरण – नाम से कंसल्टिंग फर्म केपीएमजी की एक लेटैस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला-स्वामित्व वाले नए उद्यमों से देश में 15 से 17 करोड़ अधिक नौकरियां पैदा हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों में निवेश से कई गुना ज्यादा लाभ मिल सकता है, क्योंकि उनके दोबारा निवेश करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा, भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप में वैंचर कैपिटल फंडिंग को बढ़ावा देने से लैंगिक समानता बढ़ सकती है। यह महिला संस्थापकों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने, नौकरियां पैदा करने और बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में योगदान करने में भी सक्षम बना सकता है। बेंगलुरू में टीआईई ग्लोबल समिट 2024 में केपीएमजी के क्लाइंट और मार्केट पार्टनर अखिलेश टुटेजा ने कहा, ‘भारत के 20 प्रतिशत से ज्यादा एमएसएमई स्टार्टअप महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यम हैं और इनमें से 45 प्रतिशत टियर कक और ककक शहरों से आए हैं।‘