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Mata Vaishno Devi : कटरा में व्यापारियों ने किया हड़ताल, न मिलेगी पालकी, न घोड़े… वैष्णो देवी जाने से पहले जान लें ये खबर

कटरा : माता वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि कटरा रोपवे परियोजना के विरोध में श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था, जो बुधवार सुबह से शुरू हो गई है। इस हड़ताल का असर तीर्थयात्रियों पर पड़.

कटरा : माता वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि कटरा रोपवे परियोजना के विरोध में श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था, जो बुधवार सुबह से शुरू हो गई है। इस हड़ताल का असर तीर्थयात्रियों पर पड़ सकता है, क्योंकि इस दौरान उन्हें न तो घोड़ा मिलेगा और न ही पालकी की सेवा उपलब्ध होगी।

पहले भी हो चुका है विरोध प्रदर्शन

आप को बता दें कि इससे पहले, 18 दिसंबर को भी कटरा रोपवे प्रोजेक्ट  के विरोध में प्रदर्शन किया गया था, जिसमें एक दिन के लिए बाजार बंद किए गए थे। उस दिन भी श्रद्धालुओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। प्रशासन से हुई बैठक में सहमति नहीं बनने के बाद, श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने यह 72 घंटे की हड़ताल करने का निर्णय लिया था।

क्या था प्रशासन का वादा?

हालांकि, इससे पहले जब दुकानों और ढाबों को बंद किया गया था, तब जिलाधिकारी ने 23 दिसंबर तक मामले में अहम फैसला लेने का आश्वासन दिया था। लेकिन, मंगलवार को कटरा संघर्ष समिति के पक्ष में कोई निर्णय नहीं हुआ, जिसके बाद समिति ने हड़ताल का ऐलान किया।

रोपवे परियोजना क्या है?

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कटरा से सांझी छत तक एक रोपवे बनाने का ऐलान किया है। यह परियोजना 12 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी लागत 250 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा देना है, लेकिन इसका विरोध स्थानीय लोग और व्यवसायी कर रहे हैं।

रोपवे के विरोध के कारण…

स्थानीय दुकानदारों, पिट्ठू और पालकी संचालकों का कहना है कि रोपवे बनने से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। उनका कहना है कि रोपवे के बनने से मार्केट बाईपास हो जाएगा, जिससे तीर्थयात्री बाजार से नहीं गुजर पाएंगे और इसका सीधा असर उनकी रोजी-रोटी पर पड़ेगा। बता दें कि 15 दिसंबर को स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने मुख्य बाजार में प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से उन लोगों की रिहाई की मांग की थी, जो पिछले महीने प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़ गए थे।

आजीविका और व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा

स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने पहले ही चार दिवसीय धरने का ऐलान किया था, जिसमें मजदूर और पालकी संचालक भी शामिल थे। उनका कहना था कि यह रोपवे परियोजना पूरी तरह से रद्द कर दी जाए, क्योंकि इससे उनकी आजीविका और व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा।

क्या आगे की राह होगी?

अब, कटरा रोपवे परियोजना के विरोध में यह हड़ताल जारी रहेगी और श्रद्धालुओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय लोग और दुकानदारों की मांग है कि इस परियोजना को रद्द किया जाए, ताकि उनकी रोजी-रोटी की सुरक्षा हो सके। इस विरोध और हड़ताल के बीच, प्रशासन और मंदिर प्रबंधन के लिए आगे की स्थिति सुलझाना एक बड़ी चुनौती बन सकती है।

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