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मोदी की जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाने से पहले बढ़ाई गई सुरक्षा

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में सोमवार को रणनीतिक जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दाैरे के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गयी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) ने सोनमर्ग के शुटकड़ी गांव में जेड-मोड़ सुरंग के.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में सोमवार को रणनीतिक जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दाैरे के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) ने सोनमर्ग के शुटकड़ी गांव में जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन के स्थल पर सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के साथ समन्वय में एसपीजी इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिये 24 घंटे काम कड़ी निगरानी रख रही है।

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा तंत्र क्षेत्र को वर्चस्व अभ्यास, ड्रोन के माध्यम से निरंतर जमीनी और हवाई निगरानी और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से व्यापक निगरानी के साथ मजबूत किया गया है। भारतीय सेना किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिये गांदरबल जिले के ऊपरी इलाकों में कड़ी निगरानी रख रही है।

यह घटना पिछले साल अक्टूबर में हुये एक हमले के बाद हुई है, जब आतंकवादियों ने एपीसीओ इंफ्राटेक के कर्मचारियों को निशाना बनाया था। यह कंपनी जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण करती है। इस हमले में एक स्थानीय डॉक्टर समेत सात लोगों की मौत हो गयी थी।

इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री 6.4 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहेंगे। 2,717 करोड़ रुपये की लागत से बनी जेड-मोड़ सुरंग श्रीनगर और लोकप्रिय पर्यटन स्थल सोनमर्ग के बीच हर मौसम में संपर्क प्रदान करती है। केन्द्र सरकार ज़ेड-मोड़ सुरंग और निर्माणाधीन 13.1 किलोमीटर लंबी ज़ोजिला सुरंग के माध्यम से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लद्दाख को साल भर संपर्क प्रदान करने की योजना बना रही है, जिसके दिसंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने कहा कि ज़ेड-मोड़ सुरंग इस क्षेत्र के लिये एक परिवर्तनकारी परियोजना है, जो गगनगीर और सोनमर्ग के बीच सिर्फ़ एक संपर्क से कहीं ज़्यादा सुविधायें प्रदान करती है। अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह सुरंग घोषणाओं के लिये सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, आग का तुरंत पता लगाने और एक विद्युत अग्नि संकेत प्रणाली, ड्राइवरों को सूचित करने और मनोरंजन करने के लिये एफएम सिग्नल का पुनः प्रसारण, वास्तविक समय ट्रैफ़िक अपडेट और गति सीमा परिवर्तनीय संदेश संकेत (एसएलवीएस) जैसी सुविधाओं के साथ सुरक्षा और सुविधा से सुज्जित है।

अब्दुल्ला ने कहा, “ बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण हिस्से का उद्घाटन घाटी में शीतकालीन पर्यटन के लिये एक ‘गेम चेंजर’ था। जम्मू-कश्मीर, विशेष रूप से मध्य कश्मीर आने वाले दिनों में बुनियादी ढांचे के एक महत्वपूर्ण हिस्से के उद्घाटन की प्रतीक्षा कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि यह संपत्ति घाटी में शीतकालीन पर्यटन के विस्तार के लिये एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित होगी।

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