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इस मंदिर ने लागू किया नया ड्रेस कोड, भक्तों के लिए जारी किया गाइडलाइन

नेशनल डेस्क : आजकल हम देख रहे हैं कि भारतीय समाज में पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। लोग अपनी पारंपरिक भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, चाहे बात उनके पहनावे, खानपान या जीवनशैली की हो। वहीं, पश्चिमी देशों के लोग हमारी भारतीय संस्कृति की सराहना करते हुए उसे अपना रहे हैं।.

नेशनल डेस्क : आजकल हम देख रहे हैं कि भारतीय समाज में पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। लोग अपनी पारंपरिक भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, चाहे बात उनके पहनावे, खानपान या जीवनशैली की हो। वहीं, पश्चिमी देशों के लोग हमारी भारतीय संस्कृति की सराहना करते हुए उसे अपना रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में विदेशों से बड़ी संख्या में लोग भारतीय संस्कृति का अनुभव करने आ रहे हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर ने लागू किया ड्रेस कोड

इसी कड़ी में मुंबई स्थित प्रसिद्ध सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ने भक्तों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है। मंगलवार को मंदिर प्रशासन ने घोषणा की कि अब से भक्तों को मंदिर में दर्शन के लिए शालीन कपड़े पहनकर आना होगा। यह कदम मंदिर की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

किस प्रकार के कपड़े पहनने की अनुमति नहीं

मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब से भक्तों को कट-ऑफ जींस, स्कर्ट, खुले कपड़े या शॉर्ट कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह नियम केवल मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को सम्मानित महसूस कराने के लिए भी लागू किया गया है।

पवित्रता और मर्यादा की रक्षा

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने यह फैसला मंदिर की पवित्रता और सम्मान को संरक्षित करने के लिए लिया है। प्रशासन ने कहा कि अगर कोई भक्त शॉर्ट कपड़े पहनकर आता है, तो उसे मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, ताकि मंदिर का वातावरण शांति और सम्मान से भरा रहे।

ड्रेस कोड पुरुषों और महिलाओं के लिए समान

सिद्धिविनायक मंदिर की यह नई ड्रेस कोड नीति पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रूप से लागू होगी। मंदिर ने कहा है कि केवल पारंपरिक भारतीय पोशाक या पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने वाले भक्तों को ही दर्शन के लिए अनुमति दी जाएगी। इस नीति का उद्देश्य श्रद्धालुओं को आराम और सम्मान देना है और भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का पालन करना है। सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ने भक्तों से शालीन और पवित्र कपड़े पहनने की अपेक्षा की है, ताकि मंदिर की पवित्रता बनी रहे और श्रद्धालुओं को सम्मानित महसूस हो। यह कदम मंदिर की मर्यादा और धार्मिक वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।

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