नेशनल डेस्क : प्रयागराज के महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद हालात अब काबू में आ गए हैं। पहले खबर आई थी कि सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के अवसर पर होने वाला अमृत स्नान रद्द कर दिया है, लेकिन अब अखाड़ों ने अपना स्नान फिर से शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात की है और स्थिति पर चर्चा की है।
महाकुंभ का 17वां दिन और अमृत स्नान जारी
महाकुंभ का आज 17वां दिन है, और मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरा अमृत स्नान जारी है। इस दिन साधु-संत अपने रथों और गाड़ियों में सवार होकर संगम की ओर रवाना हो रहे हैं। सुरक्षा के लिए रास्ते में पुलिस और RAF के जवान तैनात किए गए हैं। वहीं CM योगी ने बताया कि स्थिति को अब नियंत्रित कर लिया गया है।
Mahakumbh stampede: “Situation in Prayagraj is under control,” assures Yogi Adityanath
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— ANI Digital (@ani_digital) January 29, 2025
भगदड़ के बाद स्थिति में बदलाव
सुबह भोर में अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए संगम की ओर निकल चुके थे, लेकिन भगदड़ मचने के कारण स्थिति बिगड़ गई। इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की कि वे स्नान के लिए न जाएं, और तब साधु-संत अपने शिविरों में वापस लौट आए। इसके बाद अखाड़ों की बैठक हुई और पहले यह निर्णय लिया गया कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान नहीं किया जाएगा।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh | Devotees take a holy dip at the Saryu Ghat on the occasion of Mauni Amavasya. pic.twitter.com/oGuwOSsdEY
— ANI (@ANI) January 29, 2025
मुख्यमंत्री योगी से बातचीत के बाद स्नान फिर से शुरू
स्थिति सामान्य होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ों से बात की, जिसके बाद संतों ने अमृत स्नान करने का निर्णय लिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पूरी ने बताया कि वे सांकेतिक रूप से अमृत स्नान करेंगे और कोई बड़ा जुलूस नहीं निकालेंगे।
स्नान कर चुके हैं कई प्रसिद्ध लोग
महाकुंभ में भाजपा सांसद हेमा मालिनी और कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने पहले ही स्नान कर लिया है। सुबह 9 बजे तक 3.61 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है। महाकुंभ मेला और प्रयागराज शहर में इस समय करीब 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं। 28 जनवरी तक 19.94 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। प्रशासन की कोशिश है कि श्रद्धालु आसपास के घाटों पर स्नान करके वापस जाएं, ताकि भीड़ नियंत्रित की जा सके और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।