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Maha Kumbh 2025 : आए श्रद्धालुओं ने कहा, डरने की जरूरत नहीं, व्यवस्थाएं अच्छी हैं

Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मुंबई, कर्नाटक, हरियाणा समेत देशभर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने रविवार को आस्था के संगम में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने कुंभ में योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की है। श्रद्धालुओं ने कहा कि यहां हुई भगदड़ के बाद उन्हें भी डराया जा रहा.

Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मुंबई, कर्नाटक, हरियाणा समेत देशभर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने रविवार को आस्था के संगम में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने कुंभ में योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की है। श्रद्धालुओं ने कहा कि यहां हुई भगदड़ के बाद उन्हें भी डराया जा रहा था कि कुंभ में न जाएं। लेकिन, हम यहां पर आए हैं। यहां बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा है। दरअसल, मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान से पहले महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत और 90 से ज्यादा सामान्य व गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से कुंभ को लेकर लोगों के मन में डर का माहौल पैदा हो गया था। लेकिन, यहां संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं ने बताया है कि महाकुंभ में बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा है। यहां पर योगी सरकार की व्यवस्था बहुत अच्छी है। महिला सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं।

शुरू में जब हमने आने की योजना बनाई तो लोगों ने हमें डराने की कोशिश की : जाह्न्वी दुबे
महाकुंभ में महाराष्ट्र से आई जाह्न्वी दुबे ने कहा, ‘व्यवस्था अच्छी हैं। शुरू में जब हमने आने की योजना बनाई तो लोगों ने हमें डराने की कोशिश की, कहा कि कुंभ में जाना सुरक्षित नहीं हो सकता। लेकिन यहां सब कुछ अच्छी तरह से प्रबंधित है। लोगों को निश्चित रूप से यहां आना चाहिए।’

यहां पर आने के बाद हमें बहुत अच्छा लग रहा है : वैष्णवी दुबे
वैष्णवी दुबे ने कहा, ‘यहां सब कुछ ठीक है। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। लोग कुछ भी कह रहे हैं। यहां पर आने के बाद हमें बहुत अच्छा लग रहा है।’

जनता के लगाव और भक्ति के कारण करीब 8-9 करोड़ लोग यहां आ रहे हैं : सत्यवान
हरियाणा से आए सत्यवान ने बताया कि यहां बहुत उत्साह है। जनता के लगाव और भक्ति के कारण करीब 8-9 करोड़ लोग यहां आ रहे हैं। यहां पर कर्नाटक से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि हम तीन बसों में कुल 120 लोगों के साथ यहां आए हैं। चूंकि यह पवित्र महाकुंभ 144 वर्षों के बाद हो रहा है, इसलिए बीदर से कई लोग इसमें शामिल हुए हैं।

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