Pariksha Pe Charcha : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) करते दिखाई देंगे। इस बार की चर्चा और भी खास होने वाली है, क्योंकि ये चर्चा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सुंदर नर्सरी में होगी। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से पहले इससे जुड़ी कुछ झलकियां सामने आई हैं, जिसमें प्रधानमंत्री छात्रों के साथ बातचीत करते नजर आ रहे हैं। 1 मिनट 49 सेकंड के वीडियो की शुरुआत एक छात्र की आवाज से होती है, वह बताती है कि इस बार एक खुली सी जगह- सुंदर नर्सरी में यह प्रोग्राम होना है। इसके बाद पीएम मोदी वीडियो में दिखाई देते हैं और वह छात्रों से पूछते हैं कि मकर संक्रांति में क्या खाते हैं? इस पर छात्र जवाब देते हैं कि वे तिल-गुड़ खाते हैं।
वीडियो में दिखाई देता है कि पीएम मोदी के हाथ में तिल-गुड़ से भरी थाली होती है और वह छात्रों से हंसते हुए कहते हैं कि एक ही लेना ऐसा कोई नियम नहीं है। अगर ज्यादा पसंद है तो और भी खा सकते हैं। इसके बाद पीएम मोदी वहां मौजूद छात्रों से उनके निवास स्थान के बारे में भी पूछते हैं। प्रधानमंत्री, छात्रों के साथ संवाद करते हुए अपने स्कूली दिनों के बारे में बताते हैं।
‘Pariksha Pe Charcha’ is back and that too in a fresh and livelier format!
Urging all #ExamWarriors, their parents and teachers to watch #PPC2025, consisting of 8 very interesting episodes covering different aspects of stress free exams! pic.twitter.com/GzgRcqO3py
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2025
वह कहते हैं कि मुझे याद है कि मेरे टीचर, मेरी हैंडराइटिंग को ठीक करने के लिए काफी मेहनत करते थे। मुझे लगता है कि उनकी हैंडराइटिंग अच्छी हो गई होगी, लेकिन मेरी नहीं हुई। पीएम मोदी बातचीत के दौरान छात्रों की हौसला अफजाई भी करते दिखाई देते हैं। वह क्रिकेट का जिक्र करते हुए कहते हैं कि बैट्समैन प्रेशर की परवाह नहीं करता है बल्कि उनका पूरा ध्यान बॉल पर होता है।
बता दें कि परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) का एपिसोड 10 फरवरी सुबह 11 बजे पीएम मोदी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट और अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर टेलीकास्ट होगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी), परीक्षा से जुड़े तनाव को सीखने के उत्सव में बदलने की पहल है। इसके 8वें संस्करण में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। वर्ष 2018 में परीक्षा पे चर्चा एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है, जिसने वर्ष 2025 में अपने 8वें संस्करण के लिए 3.56 करोड़ पंजीकरण प्राप्त किए हैं।