Hukamnama : सलोकु मः ४ ॥ बिनु सतिगुर सेवे जीअ के बंधना जेते करम कमाहि ॥ बिनु सतिगुर सेवे ठवर न पावही मरि जमहि आवहि जाहि ॥ बिनु सतिगुर सेवे फिका बोलणा नामु न वसै मनि आइ ॥ नानक बिनु सतिगुर सेवे जम पुरि बधे मारीअहि मुहि कालै उठि जाहि ॥१॥
Hukamnama अर्थ : सतगुरु के बताये हुए कर्म करने के इलावा जितने भी काम जीव करते हैं वह सब उनके लिए बंधन बनते हैं। सतगुरु की सवा के बिना कोई और सहारा जीवों को नहीं मिलता (इस लिए) जनम-मरन में रहते हैं। गुरु की बताई हुए सुमिरन की कार से दूर हो करके मनुख और और फीके बोल बोलता है इस प्रकार हृदये में नाम नहीं बस्ता। गुरू नानक जी कहते हैं, हे नानक! सतगुरु की सेवा के बिना जीव (मानो) जम्पुरी में बांध के मारे जाते हैं और जग से चलने के समय कालिख कमा के जाते हैं॥१॥