Chamoli Avalanche : उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में 55 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे। राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमों ने अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। हालांकि, 4 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 1 मजदूर की अभी भी तलाश जारी है।
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। सेना, आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के करीब 100 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं। वे बर्फ में दबे लोगों को निकालने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना स्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उन्होंने हवाई सर्वेक्षण भी किया और राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से राहत कार्य में जुटी हुई है और सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
चमोली जिले में माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना।
साथ ही बचाव कार्य में जुटे सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक… pic.twitter.com/ibSm5qARh6
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 1, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात कर चमोली में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने राज्य में हो रही भारी बारिश और बर्फबारी की स्थिति के बारे में भी पूछा। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
घटना के बाद, मौसम विभाग ने 1 मार्च को भारी बारिश और बर्फबारी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने कहा है कि चमोली, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग समेत अन्य जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। ऊंचाई वाले इलाकों में पहले से ही भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे राहत कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं।
चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम में 1 मार्च की सुबह करीब 11:00 बजे ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आई। जैसे ही प्रशासन को इस हादसे की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत आईटीबीपी, आर्मी और बीआरओ की टीमों को मौके पर भेजा। सबसे पहले आईटीबीपी की टीम पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।
दोपहर करीब 12:00 बजे तक राहत बचाव दल ने 10 से अधिक मजदूरों को बर्फ के नीचे से सुरक्षित बाहर निकाला। उन्हें आर्मी के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। इस हादसे में अब तक 4 मजदूरों की मौत हो चुकी है, जबकि 1 मजदूर की तलाश अभी भी जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे जवानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बर्फबारी के कारण इलाके में तापमान बेहद कम है, जिससे राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा, इलाके में बर्फ के ढेर लगे होने के कारण बचाव दल को मजदूरों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
प्रशासन ने इलाके में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। स्थानीय निवासियों और यात्रियों को अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है। प्रशासन और बचाव दल लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।