महाराष्ट्र डेस्क : Maharashtra राज्य के ठाणे जिले की एक अदालत ने अपनी पत्नी की हत्या के प्रयास के आरोपी 46 वर्षीय व्यक्ति को मामले में विभिन्न विरोधाभासी तथ्यों और विसंगतियों का हवाला देते हुए बरी कर दिया। सत्र न्यायाधीश बी अग्रवाल ने 28 फरवरी को अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के अपराध को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। आदेश की प्रति रविवार को उपलब्ध हो पाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने 11 अप्रैल 2023 को महाराष्ट्र के ठाणे शहर के लोकमान्य नगर स्थित अपने घर में पत्नी पर चाकू से हमला किया था। बचाव पक्ष के वकील सागर कोल्हे ने अभियोजन पक्ष के मामले का विरोध किया तथा जांच और व्यक्ति के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर सवाल उठाए। अभियोजन पक्ष का मामला व्यक्ति की पत्नी की शिकायत पर दर्ज की गई प्राथमिकी तथा उसकी बेटियों और पुलिस अधिकारियों सहित गवाहों की गवाही पर आधारित था। हालांकि, न्यायाधीश अग्रवाल ने मामले में कई विसंगतियों का उल्लेख किया।
हमले की प्रकृति के बारे में अलग बात
प्राथमिकी में कहा गया कि हमला सुबह सात बजे हुआ, लेकिन अदालत में पीड़िता ने दावा किया कि हमला देर रात तीन बजे हुआ। पीड़िता ने शुरू में आरोप लगाया था कि उसके पति ने एक व्यक्ति के अक्सर उनके घर आने के कारण उस पर हमला किया था। लेकिन अदालत में महिला ने उस व्यक्ति और उसकी पत्नी को पारिवारिक मित्र बताया और आरोपी पर कोई संदेह नहीं जताया।
पीड़िता ने अपनी ही दर्ज कराई प्राथमिकी और बयान का खंडन करते हुए घटनाओं का क्रम और हमले की प्रकृति के बारे में अलग बात कही। अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष के मामले में विसंगति को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि अभियोजन पक्ष आरोपी के अपराध को संदेह से परे साबित करने में सफल रहा। ऐसे सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराना ठीक नहीं होगा।’’