Drink water: कॉग्निटिव फंक्शन (संज्ञानात्मक कार्य) सही हो तो जिंदगी की गाड़ी पटरी पर सरपट दौड़ती है और इसमें अगर कोई गड़बड़ी हो तो बेपटरी होने में वक्त नहीं लगता। कॉग्निटिव का सहज मतलब आपकी सोचने-समझने की क्षमता से है। शारीरिक और ब्रेन के कोऑर्डिनेशन से है। अक्सर इसे बढ़ती उम्र से जोड़ा जाता है, इसे लेकर कई स्टडी भी हुई हैं। जिसमें हाइड्रेशन की जरूरत पर बल दिया गया। यानी पानी पिएंगे तो दिमाग ठीक से काम करेगा। शोध भले आज की सदी में हो रहे हों लेकिन हकीकत ये भी है कि हमारे देश में एक पीढ़ी दूसरी को तोहफे में नसीहत देती आई है। क्या है वो नसीहत जिसे दादी-नानी ने प्रैक्टिस बनाया!
आपकी आदतें आपके मस्तिष्क के प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं, इसमें जन्म और उम्र का कोई बंधन नहीं है। एक छोटी सी कोशिश आपकी जिंदगी को खुशनुमा बना सकती है। शुरुआत सुबह से ही हो तो क्या बात हो!
विशेषज्ञ भी ऐसा ही मानते हैं। वो सुबह के शेड्यूल पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हैं जो है पानी पीने की आदत। 2019 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल रिसर्च में एक शोध पत्र छपा। इसमें कई बातों पर प्रकाश डाला गया। इसके मुताबिक क्योंकि दिमाग के 75 प्रतिशत हिस्से में पानी होता है इसलिए हाइड्रेशन और संज्ञानात्मक प्रदर्शन के बीच गहरा संबंध हो सकता है।
इस अध्ययन का उद्देश्य संज्ञानात्मक प्रदर्शन और मनोदशा पर डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) और पुनर्जलीकरण (रिहाइड्रेशन) के प्रभावों की जांच करना था। इस सेल्फ कंट्रोल्ड परीक्षण में, चीन के कैंगझोउ से 12 पुरुषों को शामिल किया गया। 12 घंटे की रात भर की भूख के बाद, प्रतिभागियों ने दूसरे दिन सुबह 8:00 बजे बेसलाइन परीक्षण किया।
हाइड्रेशन की स्थिति निर्धारित करने के लिए पहली सुबह मूत्र और रक्त ऑस्मोलैलिटी का विश्लेषण किया गया। ऊंचाई, वजन और रक्तचाप मापा गया। प्यास की व्यक्तिपरक अनुभूति के लिए एक विजुअल एनालॉग पैमाना लागू किया गया था, और मूड संबंधित प्रश्नावली का एक प्रोफाइल लागू किया गया था। कॉग्निटिव फंक्शन के लिए परीक्षण किए गए। प्रतिभागियों को 36 घंटे तक पानी नहीं पीने दिया गया, लेकिन उन्हें तीसरे दिन तीन बार भोजन दिया गया। चौथे दिन, बेसलाइन परीक्षण के रूप में समान सूचकांकों का परीक्षण किया गया। सुबह 8:30 बजे, प्रतिभागियों ने 15 मिनट में 1500 एमएल शुद्ध पानी पिया।
अध्ययन में पाया गया कि 36 घंटे तक पानी की कमी से होने वाले डिहाइड्रेशन की वजह से शक्ति और आत्म-सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसने शॉर्ट टर्म मेमोरी और अटेंशन (किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता) जैसी दिक्कतें साफतौर पर दिखीं।
इस क्षेत्र में 16 प्रतिभागियों के साथ किए गए एक अन्य अध्ययन से पता चला कि 24 घंटे तक पानी की कमी के बाद थकान बढ़ गई थी और सतर्कता में भी कमी आई थी।
साधारण शब्दों में कहें तो इससे स्पष्ट हुआ कि आपके शरीर और मस्तिष्क के बेहतर ढंग से काम करने के लिए हाइड्रेशन बहुत जरूरी है। सुबह सबसे पहले एक गिलास पानी पीने से मस्तिष्क को फायदा होता है।
न्यूरोलॉजिस्ट्स मानते हैं कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं, तो हमारा शरीर बिना कुछ पिए या खाए सबसे लंबे समय तक रहता है – यानी एक तरह के उपवास पर। हाइड्रेटेड रहने से थकान को रोकने में मदद मिलती है और यह पूरे दिन आपकी अल्पकालिक याददाश्त, ध्यान और रिस्पॉन्स को बढ़ावा दे सकता है। हाइड्रेशन के लिए पानी प्राथमिक पेय होना चाहिए, लेकिन कॉफी और चाय जैसे अन्य पारंपरिक सुबह के पेय भी हाइड्रेशन में योगदान दे सकते हैं।