US-China relations: 22 मार्च को अमेरिका में चीनी राजदूत श्ये फंग ने निमंत्रण पर अमेरिका-चीन संबंधों पर दूसरे जिमी कार्टर फोरम में वीडियो के माध्यम से भाषण दिया।
श्ये फंग ने बताया कि चीन-अमेरिका सहयोग कभी भी जीरो-सम गेम नहीं रहा है। चीन को अमेरिकी निर्यात और अमेरिका में चीनी कंपनियों के निवेश ने लगभग 10 लाख नौकरियों का सृजन किया है। चीन में 41% अमेरिकी कंपनियाँ चीन को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा राजस्व स्रोत मानती हैं, और 46% ने लाभप्रदता या पर्याप्त लाभ प्राप्त करने की उम्मीद जतायी। चीनी बाजार और कंपनियों को बाहर करना आत्मघाती है। चीन ने फेंटेनाइल मुद्दे से निपटने में अमेरिका को हर तरह की सहायता प्रदान की है। फेंटेनाइल पर बिना कारण टैरिफ लगाना विश्वासघात है। दुनिया के सभी देश कई चुनौतियों और भारी दबाव का सामना कर रहे हैं। केवल चीन और अमेरिका के बीच सहयोग के माध्यम से ही हम कठिन समस्याओं को हल कर सकते हैं, व्यावहारिक काम कर सकते हैं और महान काम हासिल कर सकते हैं।
श्ये फंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीनी लोग पारस्परिक आदान-प्रदान को महत्व देते हैं, और पारस्परिक आदान-प्रदान न करना अशिष्टता है। हम समानता और आपसी सम्मान के आधार पर बातचीत और परामर्श के माध्यम से एक-दूसरे की चिंताओं को हल करने को तैयार हैं। यदि अमेरिका दूसरों को दोषी ठहराने, रोकथाम और दमन करने पर कायम रहता है, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।
थाइवान मुद्दे की चर्चा करते हुए श्ये फंग ने जोर देकर कहा कि दो प्रमुख देशों के रूप में चीन और अमेरिका के बीच मतभेद और विरोधाभास अपरिहार्य हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक-दूसरे के मूल हितों का सम्मान किया जाए और लाल रेखाओं और निचली रेखाओं को चुनौती न दी जाए। “थाइवान स्वतंत्रता” का समर्थन करना चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना है, और “थाइवान स्वतंत्रता” को बर्दाश्त करना थाइवान जलडमरूमध्य की स्थिरता को कमज़ोर करना है। “थाइवान के उपयोग के जरिए चीन को नियंत्रित करना” न केवल निरर्थक है, बल्कि ख़तरनाक भी है। एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियाँ चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव हैं और इनका किसी भी समय उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)