इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कही ये बड़ी बात, यदि आप भी हैं रिलेशनशिप में तो जरुर पढ़ लें ये खबर

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले को लेकर विशेष टिप्पणी की है। यह मामला लिव-इन रिलेशनशिप का है जिसको लेकर इलाहाबाद कोर्ट ने अंतर-धार्मिक (अलग-अलग मजहब के मानने वाले) जोड़े के ‘लिव-इन’ रिलेशनशिप को ‘टाइमपास’ की संज्ञा दी है। कोर्ट इसके बाद कहा की “ऐसे रिश्ते स्थाई नहीं होते है। जब तक ये जोड़ा इस.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले को लेकर विशेष टिप्पणी की है। यह मामला लिव-इन रिलेशनशिप का है जिसको लेकर इलाहाबाद कोर्ट ने अंतर-धार्मिक (अलग-अलग मजहब के मानने वाले) जोड़े के ‘लिव-इन’ रिलेशनशिप को ‘टाइमपास’ की संज्ञा दी है। कोर्ट इसके बाद कहा की “ऐसे रिश्ते स्थाई नहीं होते है। जब तक ये जोड़ा इस रिश्ते को शादी के जरिए कोई नाम देने को तैयार न हो, इसे हिफ़ाज़त देने का आदेश नहीं दिया जा सकता।” कोर्ट ने कहा, “जिंदगी फूलों की सेज नहीं, बहुत कठिन और मुश्किल है।”

हाईकोर्ट ने दख़्लअंदाजी करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। दरअसल, सोहैल खान और राधिका लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं। दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। दोनों ने कोर्ट में याचिका दायर कर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की मांग करते हुए कोर्ट से सुरक्षा की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ इस मामले की सुनावई कर रही थी।

- विज्ञापन -

Latest News