Ajab-Gjab News: इंदौर में ईद-उल-फितर पर सांप्रदायिक सद्भाव की 50 साल पुरानी परंपरा वीरवार को निभाई गई। इस अनूठी रिवायत के तहत एक हिंदूू परिवार शहर के काजी को पूरे सम्मान के साथ घोड़े द्वारा खींची जाने वाली बग्गी पर बैठाकर मुख्य ईदगाह ले गया जहां त्यौहारी उल्लास के बीच बड़ी तादाद में लोगों ने नमाज पढ़ी। इस अनूठी रिवायत का गवाह बनने वाले लोगों ने बताया कि सत्यनारायण सलवाड़िया, शहर काजी मोहम्मद इशरत अली को उनके राजमोहल्ला स्थित घर से बग्घी पर बैठाकर सदर बाजार में मुख्य ईदगाह ले गए और सामूहिक नमाज के बाद उन्हें वापस उनके घर छोड़ा।
सलवाड़िया ने बताया कि उनके पिता रामचंद्र सलवाड़िया ने ईद की यह रिवायत उनके जीते जी निभाई और वर्ष 2017 में पिता के निधन के बाद वह इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा मेरे बाद मेरी संतानें भी इस परंपरा को निभाती रहेंगी ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों में एकता और भाईचारा बना रहे और वे मिल-जुलकर एक-दूसरे के साथ त्योहार मनाते रहें।