नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या स्नान से पहले ही भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब 30 महिलाएं घायल हो गईं, जो संगम में स्नान करने के लिए जा रही थीं। यह घटना पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच हुई, जिसके कारण अखाड़ों को कुछ समय के लिए अपना कार्यक्रम रोकना पड़ा था। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई थी। वहीं प्रशासन ने भगदड़ पर काबू पा लिया है। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। इसी बीच आज हम यह जानेंगे अब तक कुंभ के विभिन्न स्थानों पर कब-कब भगदड़ जैसी घटनाएं हुईं और उन घटनाओं में कितने लोग प्रभावित हुए।
प्रयागराज कुंभ 1954 – पहली बड़ी भगदड़
कुंभ मेले की पहली बड़ी भगदड़ 1954 में प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में हुई थी। 3 फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के दिन भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस हादसे में 800 लोगों की मौत हो गई थी, जो कुंभ के इतिहास में सबसे भीषण घटना मानी जाती है।
उज्जैन कुंभ 1992 – 50 से ज्यादा श्रद्धालु मारे गए
1992 में मध्यप्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला हुआ था। इस दौरान भगदड़ मचने से 50 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। यह हादसा भी बहुत दुखद था और इसके बाद से कुंभ मेला आयोजनों में सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता महसूस हुई।
नासिक कुंभ 2003 – 39 श्रद्धालु मौत का शिकार
महाराष्ट्र के नासिक में 2003 में कुंभ मेले के दौरान 27 अगस्त को भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 39 श्रद्धालु अपनी जान गंवा बैठे थे। नासिक में हुए इस हादसे ने कुंभ मेले के आयोजकों को और अधिक सतर्क कर दिया।
हरिद्वार कुंभ 2010 – 7 लोगों की मौत
2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार में भी कुंभ मेला हुआ था। इस दौरान 14 अप्रैल को भगदड़ मचने से 7 लोगों की मौत हो गई थी। हरिद्वार में हुई इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए थे।
प्रयागराज कुंभ 2013 – 36 श्रद्धालु मरे
प्रयागराज में 2013 में भी कुंभ मेला आयोजित हुआ था। इस बार यह घटना मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान हुई थी। 10 फरवरी 2013 को प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी, जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा भी बहुत दुखद था और प्रशासन को इससे भी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता महसूस हुई।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 – अफवाह से मची भगदड़
अब, 2025 में फिर से प्रयागराज में महाकुंभ आयोजित हो रहा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे। लेकिन 28 जनवरी की रात अचानक अफवाह फैलने के कारण भगदड़ मच गई। लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं, और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई। घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
दरअसल, कुंभ मेला हमेशा ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आह्वान करता है, और इससे जुड़ी सुरक्षा की चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं। हालांकि, प्रशासन हर बार सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का प्रयास करता है, लेकिन कभी-कभी भगदड़ जैसी घटनाएं हो जाती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी सख्त सुरक्षा कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।