नई दिल्लीः लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कुछ ही दिनों में हाेने वाला हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने देश में आज से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू हो गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2019 में लागू हुआ सीएए के लिए नियम लोकसभा चुनाव से पहले लागू किए जाएंगे। 11 दिसंबर, 2019 को संसद से पारित कानून का पूरे भारत में विरोध हुआ था।
सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। नागरिकता संशोधन कानून भाजपा के 2019 घोषणापत्र का एक अभिन्न अंग था। इससे उत्पीड़ित लोगों के लिए भारत में नागरिकता पाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
जानें सीएए का किसे मिलेगा फायदा, क्या है यह कानून
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए पोर्टल भी तैयार है। इस पोर्टल पर नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार तीन मुल्कों के गैर-मुस्लिम (अल्पसंख्यकों) को भारत की नागरिकता देने के लिए कानून को लागू करने की तैयारी कर चुकी थी।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। सीएए के तहत इन देशों से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान शामिल है। संसद के दोनों सदनों से सीएए 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था। इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी।
ध्यान दें, यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यकों को इस कानून के जरिए यहां भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। ऐसी स्थिति में आवेदनकर्ता को साबित करना होगा कि वो कितने दिनों से भारत में रह रहे हैं। उन्हें नागरिकता कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा। सीएए को काफी पहले ही लागू कर दिया जाता, लेकिन कोरोना की वजह से इसमें देरी हो गई। वहीं, इससे पहले केंद्रीय अमित शाह ने भी संकेत दे दिए थे कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू कर दिया जाएगा।