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जातिगत जनगणना और आरक्षण को लेकर राहुल गांधी ने दी बड़ी प्रतिक्रिया… बिहार की जनगणना को बताया फर्जी

बिहार : पटना में आयोजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय दी। उन्होंने जातिगत जनगणना, आरक्षण और भारतीय संविधान से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। आइए जानते हैं उनके बयान के प्रमुख अंश… जातिगत जनगणना पर.

बिहार : पटना में आयोजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय दी। उन्होंने जातिगत जनगणना, आरक्षण और भारतीय संविधान से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। आइए जानते हैं उनके बयान के प्रमुख अंश…

जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी का बयान

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि देश की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। उनका कहना था कि यह जातिगत जनगणना बिहार में हुई फर्जी जनगणना जैसी नहीं होगी। उनके अनुसार, इस जनगणना के आधार पर देश की नीतियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में जातिगत जनगणना को पारित कराएगी।

राहुल गांधी ने कहा, “हम चाहते हैं कि जिसकी जितनी आबादी में हिस्सेदारी है, उसे उतनी ही भागीदारी मिले।” इसके साथ ही उन्होंने 50% आरक्षण की सीमा को समाप्त करने की बात की। उनका कहना था कि आरक्षण का दायरा 50% से अधिक होना चाहिए, ताकि हर जाति को इस देश में बराबरी की भागीदारी मिल सके।

बिहार की जातिगत जनगणना पर सवाल

इसके साथ ही राहुल गांधी ने बिहार में हुई जातिगत जनगणना को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने इसे ‘झूठी’ करार दिया, जिससे बिहार की तत्कालीन सरकार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को निशाना बनाया। जब यह जातिगत जनगणना हुई थी, तब तेजस्वी यादव नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम थे और वे इस जातीय जनगणना का समर्थन करते रहे हैं। राहुल गांधी ने इसके जरिए उनकी नीतियों पर सवाल उठाया।

RSS  प्रमुख मोहन भागवत पर तीखा हमला

राहुल गांधी ने आगे बढ़ते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने हाल ही में यह बयान दिया था कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा, “अगर मोहन भागवत यह कह रहे हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, तो इसका मतलब वह भारत के संविधान को नकार रहे हैं।” राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोहन भागवत भारत की हर संस्था से डॉ. बीआर अंबेडकर, भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीति में एक नई हलचल मचा दी है। उनका बयान जहां एक तरफ जातिगत जनगणना और आरक्षण के पक्ष में था, वहीं दूसरी ओर उन्होंने बिहार की सरकार और आरएसएस प्रमुख के विचारों पर तीखा प्रहार भी किया। अब इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।

 

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