Central Government : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्य सभा में फसलों पर एमएसपी, किसानों की कर्जमाफी समेत कई विषयों पर सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष को जमकर घेरा। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए किसानों को एमएसपी देने से इंकार कर दिया था, जबाकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों से एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी कर रही है, वहीं शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार उपज एमएसपी पर खरीदती रहेगी। श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार 50% से ज्यादा का एमएसपी तय करने के साथ ही किसानों से उपज खरीदेगी भी। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2015 में इस मंत्रालय का नाम कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय रखा गया, इससे पहले किसान कल्याण का कोई संबंध ही नहीं था।
किसानों के लाड़ले
राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को नया नाम “किसानों के लाड़ले” दिया है। शुक्रवार को शिवराज सिंह चौहान राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों के जवाब दे रहे थे, इसी दौरान सभापति श्री धनखड़ ने कहा कि जिस आदमी की पहचान देश में लाड़ली बहनों के भैया के नाम से है, अब वो किसान का लाड़ला भाई भी होगा, मैं पूरी तरह आशावान हूं कि ऊर्जावान मंत्री अपने नाम ‘शिवराज’ के अनुरूप ये करके दिखाएंगे। आज से मैंने आपका नामकरण कर दिया- किसानों के लाड़ले।
50% से ज्यादा लाभ देकर किसानों की खरीदेंगे उपज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों की उपज मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर खरीदी जाएगी। हमारी सरकार 50% से ज्यादा का एमएसपी तय भी करेगी और उपज खरीदेंगे भी। उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी जी की सरकार है, मोदी की गारंटी वादा पूरा करने की गारंटी है। विपक्ष को घेरते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि वो एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उपज की लागत से 50 प्रतिशत अधिक देने की बात पर पूर्व कृषि मंत्री श्री कांतिलाल भूरिया व श्री शरद पवार और श्री के.वी. थॉमस ने कहा था कि ऐसा करने से बाजार विकृत हो जाएंगे, ये नहीं हो सकता है, ये कहकर इंकार कर दिया था। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने ही ये फैसला किया कि लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर एमएसपी की दरें तय की जाएगी। जब कांग्रेस सरकार थी, तब कभी भी 50% से ज्यादा लागत पर इन्होंने किसानों को लाभ नहीं दिया, लेकिन हम कटिबद्ध हैं, प्रतिबद्ध हैं कि कम से कम 50% से ज्यादा लाभ देकर किसानों की फसलें खरीदेंगे।
हम किसानों की आय बढ़ाने पर रखते हैं विश्वास
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मोदी जी की सरकार बहुत दूरदर्शिता से काम करती है। किसानों का कल्याण और विकास प्रधानमंत्री मोदी जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृषि के लिए बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2013-14 तक ये केवल 21 हजार 900 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 1 लाख 22 हजार 528 करोड़ रुपए हो गया है। किसान कल्याण के लिए हमारी छह प्राथमिकताएं हैं- हम उत्पादन बढ़ाएंगे, उत्पादन की लागत घटाएंगे, उत्पादन का उचित मूल्य देंगे, फसल में अगर नुकसान हो तो उसकी भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के द्वारा करेंगे, हम कृषि का विविधीकरण करेंगे और प्राकृतिक खेती की तरफ ले जाकर किसानों की आय इतनी बढ़ाएंगे कि बार-बार किसान कर्ज माफी के लिए मांग करने की स्थिति में नहीं होगा। हम आय बढ़ाने पर विश्वास रखते हैं। मेरी कोशिश रहेगी सम्पूर्ण सामर्थ्य और क्षमता झोंककर काम करके अपने किसानों की सेवा कर सकूं और कृषि के परिदृश्य को हम और बेहतर बना सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विकसित भारत का संकल्प लिया है उसी का एक रोडमैप हमने बनाया है, जिसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
किसानों को मिलेगा पर्याप्त खाद
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हम न केवल फर्टिलाइजर उपलब्ध करवा रहे हैं, बल्कि सब्सिडी भी दे रहे हैं। पिछली बार किसानों को 1 लाख 94 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। तब जाकर यूरिया की बोरी हो, डीएपी की बोरी हो, ये किसानों को सस्ती मिलती है। 2100 रुपए की एक बोरी पर सब्सिडी देने का चमत्कार नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया है और तमिलनाडु सहित सारे भारत के किसानों को सब्सिडी देकर हम फर्टिलाइजर समय पर उपलब्ध कराने का काम कर भी रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे । केमिकल फर्टिलाइजर के असंतुलित और अंधाधुंध प्रयोग के कारण जो नुकसान होते हैं, उसके लिए भी हम जागरूकता पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उसके लिए भी चिंतित हैं। इसके लिए जैविक खेती और प्राकृतिक खेती की तरफ हम ध्यान दे रहे हैं, लेकिन फिर मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगा कि, किसानों को सब्सिडी के साथ पूरा खाद देने में सरकार ने ना तो कोताही बरती है, ना ही आगे कभी बरतेगी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाएगा।