नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूजा ने जो धोखाधड़ी की है, वह न केवल यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के साथ धोखाधड़ी है, बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दी गई अंतरिम सुरक्षा भी रद्द कर दी है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
धोखाधड़ी के गंभीर आरोप
आपको बता दें कि पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा में धोखाधड़ी की और ओबीसी और दिव्यांगता कोटा के तहत फर्जी तरीके से लाभ लिया। इन्हीं आरोपों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी, और उनकी नौकरी भी छीन ली गई थी।
Delhi High Court refuses to grant the anticipatory bail plea of former IAS Probationer Puja Khedkar, stating that the UPSC is regarded as a prestigious examination. It further observed that the incident in question represents a fraud not only against an organization but also…
— ANI (@ANI) December 23, 2024
UPSC ने 31 जुलाई को रद्द की उम्मीदवारी
इसके साथ ही यूपीएससी ने 31 जुलाई 2022 को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया था और साथ ही उन्हें भविष्य की परीक्षाओं में बैठने से भी रोक दिया। इसके बाद भी खेडकर ने इन आरोपों से इंकार किया था। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिन्हें ध्यान से जांचने की आवश्यकता है।
पूजा खेडकर का विवादों से जुड़ा हुआ करियर
बता दें कि पूजा खेडकर 2022 बैच की पूर्व ट्रेनी आईएएस अफसर हैं। उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल की थी। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद, उन्हें पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर का पद सौंपा गया था। कार्यभार संभालते ही, पूजा चर्चा में आ गईं जब उन्होंने चेंबर, लग्जरी कार, और घर की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने अपनी निजी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टीकर लगाकर यात्रा की, जिससे विवाद और बढ़ गया।
मुख्य सचिव से शिकायत और ट्रांसफर
इन विवादों के बाद, मुख्य सचिव से शिकायत की गई, जिसके बाद पूजा खेडकर का ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था। अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है, और दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।