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Farmer Protest : MSP की मांग को लेकर दिल्ली की ओर आज फिर कूच करेंगे किसान संगठन, शंभू बॉर्डर पर कड़े सुरक्षा इंतजाम

Farmer Protest : पंजाब/हरियाण। पंजाब के किसान संगठन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर फरवरी से शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। छह दिसंबर को किसानों ने दिल्ली.

Farmer Protest : पंजाब/हरियाण। पंजाब के किसान संगठन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर फरवरी से शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। छह दिसंबर को किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें रोक दिया। रविवार को दोपहर 12 बजे किसान फिर से दिल्ली की ओर बढ़ने का ऐलान कर चुके हैं।

राज्यसभा में दिए गए बयान को गुमराह करने वालाः पंधेर
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने केंद्रीय कृषि मंत्री के राज्यसभा में दिए गए बयान को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों की मुख्य मांग है, जिसे पूरा करना आवश्यक है। पंधेर ने यह भी कहा कि इससे परंपरागत फसल चक्र को बदला जा सकता है और भूजल स्तर में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

Farmer Protest
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मरजीवड़ों की सूची जारी
दिल्ली कूच के लिए किसानों ने 101 “मरजीवड़ों” की सूची जारी की है, जो आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।

पुलिस ने सुरक्षा प्रबंध किया मजबूत
किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार ने घग्गर दरिया और अन्य बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस बल, वाटर कैनन और ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़ने के इंतजाम किए गए हैं। खनौरी बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, हालांकि वहां से किसानों ने कूच का ऐलान नहीं किया है।

सरकार मांगें नहीं मानती तो आंदोलन और उग्र होगा
किसानों ने केंद्र सरकार से बातचीत का इंतजार किया, लेकिन जब कोई पहल नहीं हुई, तो उन्होंने आगे आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया। शंभू बॉर्डर पर शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंधेर ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती, तो आंदोलन और उग्र होगा।

किसानों और सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलन निर्णायक मोड़ पर है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दिल्ली कूच के बाद स्थिति कैसी बनती है।

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