नेशनल डेस्क: लोकसभा में वित्तीय विधेयक 2025 पास हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे संशोधित रूप में पेश किया, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% डिजिटल टैक्स (जिसे गूगल टैक्स भी कहा जाता है) को खत्म करना है। इसके अलावा, इस बिल में कुल 34 और संशोधन शामिल हैं। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा और यदि वहां भी इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह विधेयक पूरी तरह से कानून बन जाएगा।
वित्त मंत्री ने इसे पेश करते हुए कहा कि यह कदम अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक स्थिति में अनिश्चितता को दूर करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल विज्ञापनों पर लगने वाला समानीकरण शुल्क अब खत्म किया जा रहा है।
बजट 2025-26 के अनुमान
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.4% अधिक है। इसमें से 11.22 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं, जबकि कुल प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। बजट में 42.70 लाख करोड़ रुपये के सकल कर राजस्व (टैक्स रेवेन्यू) की उम्मीद जताई गई है, और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का अनुमान है।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष से 1,26,493.96 करोड़ रुपये अधिक है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्यों को कुल 25,01,284 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, जो पिछले साल से 4,91,668 करोड़ रुपये अधिक है।
राजकोषीय घाटा और GDP का अनुमान
वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा 4.4% रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के 4.8% घाटे से कम है। इस साल के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान 3,56,97,923 करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले वर्ष के अनुमान से 10.1% अधिक है। सरकार का लक्ष्य मजबूत आर्थिक विकास हासिल करना है, और इसके लिए कई योजनाएं लागू की जाएंगी। इस संशोधित वित्तीय विधेयक और बजट प्रस्तावों का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को सुधारना और राजस्व का उचित संग्रहण करना है।