नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। लेकिन उनके स्मारक को लेकर कुछ राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। इस विवाद में कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक हुई है। आइए जानते है इस पूरे मामले को विस्तार से…
BJP ने नहीं ढूंढी स्मारक के लिए जगह
दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने के लिए कोई जगह क्यों नहीं आवंटित की। कांग्रेस का कहना था कि यह देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश ठाकुर ने कहा, “यह दुखद है कि देश की सेवा करने वाले प्रधानमंत्री को एक छोटी सी जगह भी नहीं दी जा रही है।” कांग्रेस सांसद और पंजाब प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी आरोप लगाते हुए कहा, “अगर अटल बिहारी वाजपेयी के लिए स्मारक बनाने के लिए जगह मिल सकती है, तो मनमोहन सिंह के लिए क्यों नहीं? वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे, उनका स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।”
गंदी राजनीति कर रही कांग्रेस
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का कड़ा जवाब दिया। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को डॉ. मनमोहन सिंह की मौत पर गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए। पार्टी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के निधन के बाद उनके साथ क्या व्यवहार किया था। बीजेपी ने यह भी कहा कि कम से कम मनमोहन सिंह के नाम पर राजनीति का खेल नहीं खेला जाए।
मल्लिकार्जुन खरगे का बयान
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की थी और मनमोहन सिंह का स्मारक उसी स्थान पर बनाने की मांग की थी, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। खरगे ने कहा, “यह एक परंपरा है कि राजनेताओं और पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार के स्थान पर उनका स्मारक बनाया जाता है।”
जगह आवंटित की जाएगी…
केंद्र सरकार ने इस मामले पर बयान जारी किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित की जाएगी। हालांकि, इस बीच उनके अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं जारी रह सकती हैं।
निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ था। उनके पार्थिव शरीर को सुबह 8:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया, जहां पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सके। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा 9:30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई और सुबह 11:45 बजे उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।