उत्तर प्रदेश : अयोध्या में दलित युवती की नृशंस हत्या का मामला अब बड़े सियासी विवाद का कारण बन गया है। यह मुद्दा मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के बीच सियासी पारा हाई कर रहा है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। आइए जानते है इस पूरी खबर को विस्तार से…
सपा सांसद अवधेश प्रसाद का भावुक बयान
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने प्रेस वार्ता की और इस दौरान वे फफक-फफक कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि अगर इस दलित युवती को न्याय नहीं मिला, तो वह अपने लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देंगे। सपा सांसद ने सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया और लिखा कि “यह जघन्य अपराध बेहद दुखद है”। अवधेश प्रसाद ने कहा कि अयोध्या के ग्रामसभा सहनवां, सरदार पटेल वार्ड में तीन दिन से लापता दलित परिवार की बेटी का शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला है। इसके अलावा उनकी दोनों आँखें फोड़ दी गईं और उनके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार इंसाफ नहीं कर सकती।
सीएम योगी का तंज और बयान
वहीं सपा सांसद के इस इमोशनल बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से तंज कसा। उन्होंने कहा, “यहां का सांसद जो नौटंकी कर रहे हैं, न देखिएगा। जब जांच खत्म होगी और जब सच सामने आएगा, तो इसमें भी किसी समाजवादी पार्टी के आदमी का ही हाथ होगा।” सीएम योगी का यह बयान राजनीतिक विवाद को और भी तूल दे रहा है।
पूर्व मंत्री और सपा जिलाध्यक्ष का समर्थन
अवधेश प्रसाद के प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन और सपा जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव उन्हें बार-बार शांत करने की कोशिश करते रहे। हालांकि, सपा सांसद अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और मामले की गंभीरता को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
अखिलेश यादव का बयान और मांग
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने कहा, “अगर प्रशासन ने तीन दिन पहले परिवार की सूचना पर ध्यान दिया होता, तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।” इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि इस मामले में दोषी लोगों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, उन्होंने पीड़ित परिवार को तत्काल 1 करोड़ का मुआवजा देने की भी मांग की। अयोध्या की इस दिल दहलाने वाली घटना ने न केवल प्रशासन के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सियासी माहौल को भी गरम कर दिया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करते हैं।