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फरवरी में GST संग्रह 9.1 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली। सकल जीएसटी संग्रह फरवरी 2025 में सालाना आधार पर 9.1 प्रतिशत बढक़र लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया। सकल जीएसटी संग्रह एक साल पहले इसी अवधि में 1.68 लाख करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 1.96 लाख करोड़ रुपये था। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू खपत से बढ़ावा मिलने और.

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नई दिल्ली। सकल जीएसटी संग्रह फरवरी 2025 में सालाना आधार पर 9.1 प्रतिशत बढक़र लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया। सकल जीएसटी संग्रह एक साल पहले इसी अवधि में 1.68 लाख करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 1.96 लाख करोड़ रुपये था। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू खपत से बढ़ावा मिलने और आíथक पुनरुद्धार का संकेत मिलता है। इस दौरान सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के तहत घरेलू राजस्व 10.2 प्रतिशत बढक़र 1.42 लाख करोड़ रुपये रहा। आयात राजस्व 5.4 प्रतिशत बढक़र 41,702 करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में केंद्रीय जीएसटी से 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी से 43,704 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी से 90,870 करोड़ रुपये और मुआवजा उपकर से 13,868 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। फरवरी के दौरान कुल 20,889 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो सालाना आधार पर 17.3 प्रतिशत अधिक है।

फरवरी 2025 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 8.1 प्रतिशत बढक़र लगभग 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी महीने में शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये था। ईवाई के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी संग्रह के मजबूत आंकड़े संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आíथक चुनौतियों का मजबूती से सामना कर रही है। आयात से संबंधित संग्रह की तुलना में घरेलू जीएसटी राजस्व में लगातार वृद्धि घरेलू स्तर पर मजबूती का संकेत देती है।

केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख एवं पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि घरेलू आपूíत पर जीएसटी संग्रह में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि और कुल मिलाकर 9.1 प्रतिशत की वृद्धि चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के संभावित पुनरुद्धार का संकेत देती है। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक जैसे बड़े विनिर्माण और उपभोक्ता राज्यों में जीएसटी संग्रह में 10-20 प्रतिशत की सीमा में अच्छी वृद्धि हुई है।

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