नेशनल डेस्क : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी है। इसके साथ ही आरोप- प्रत्यारोप का खेल भी जारी है। सभी दल अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए दिन- रात एक किए हुए है। वहीं आज सोमवारो को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया था। दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों को धन्यवाद जिन्होंने इस जहर को पकड़ा। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
बीजेपी ने कुछ ऐसा किया जो…
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने कहा, “बीजेपी ने कुछ ऐसा किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ। दिल्ली के लोगों को पीने का पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलता है। बीजेपी की हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया था। दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों को धन्यवाद जिन्होंने इस जहर को पकड़ा। उन्होंने उस पानी को दिल्ली की सीमा पर ही रोक दिया और उसे दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया।”
#WATCH | #DelhiElection2025 | AAP National Convener Arvind Kejriwal says, “…The people of Delhi get water to drink from Haryana and UP. In Yamuna, water flows into Delhi from Haryana. BJP’s Haryana govt has poisoned the water in Yamuna. However, the Delhi Jal Board were… pic.twitter.com/fgZPxoBnC0
— ANI (@ANI) January 27, 2025
चुनाव आयोग को पत्र लिखने की बात कही
उन्होंने आगे कहा कि “अगर वह पानी दिल्ली में प्रवेश कर जाता और पीने के पानी में मिल जाता, तो कई लोगों की जान जा सकती थी। यह एक प्रकार का युद्ध जैसा था, जैसे अमेरिका ने जापान पर बम गिराए थे। बीजेपी ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि आम आदमी पार्टी को दोषी ठहराया जा सके।”वहीं आतिशी और भगवंत मान ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है और उम्मीद जताई है कि चुनाव आयोग इस मामले में हस्तक्षेप करेगा और दिल्ली के लोगों को इस त्रासदी से बचाएगा।
दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या
अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि इस जहर भरे पानी की सफाई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी नहीं हो सकती। इससे दिल्ली के एक तिहाई हिस्से में पीने के पानी की गंभीर कमी हो गई है। केजरीवाल ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह की राजनीति बिल्कुल गलत है और इससे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो सकता है। केजरीवाल के इन आरोपों से हरियाणा सरकार पर राजनीतिक दबाव बन सकता है, और चुनावों में इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया जा सकता है। दिल्लीवासियों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि पीने के पानी की गुणवत्ता सीधे उनके जीवन से जुड़ी है।