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चुनाव से पहले ही Justin Trudeau के हाथों जाएगी सत्ता ! पार्टी के ही 24 सांसदों ने दी इतने दिनाें की मोहलत

कनाडा : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बेबुनियाद आरोपों की वजह से भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई है। खराब हुए रिश्तों के कारण न सिर्फ भारतीय लोग बल्कि कनाडाई सांसद भी ट्रूडो से नाराज चल रहे है। इसी बीच सांसदों ने ट्रूडो से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है।.

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कनाडा : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बेबुनियाद आरोपों की वजह से भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई है। खराब हुए रिश्तों के कारण न सिर्फ भारतीय लोग बल्कि कनाडाई सांसद भी ट्रूडो से नाराज चल रहे है। इसी बीच सांसदों ने ट्रूडो से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। बता दें की लिबरल पार्टी के सांसदों ने ट्रूडो को प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए 28 अक्टूबर तक की मोहलत दी है। उनकी ही पार्टी के 24 सांसदों ने इस्तीफे की मांग वाले पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए है। लिबरल पार्टी के सांसदों ने ट्रूडो को प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए 28 अक्टूबर तक का समय दिया है। ट्रूडो अपनी सत्ता छोड़ना नहीं चाहते इसी लिए उन्होंने नाराज़ सांसदों को मनाने के लिए लगभग 3 घंटे तक मीटिंग की।

कनाडा में कब है चुनाव-

कनाडा में अगले साल अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं। कनाडा की ट्रूडो सरकार देश में बढ़ती महंगाई, इमीग्रेशन जैसे मुद्दों को लेकर घिरी हुई है। एक ट्वीट के अनुसार ट्रूडो अगला चुनाव लड़ना चाहते है और सांसदों से साथ में आगे बढ़ने की बात कही है।

आतंकी निज्जर की हत्या का लगा रहा आरोप –

भारत और कनाडा के बीच चल रहे मतभेदों के बीच भारत ने कनाडा से अपने राजनयिक और उच्चायुक्त को वापिस बुला लिया है। कनाडा लगातार भारत पर ख़ालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगा रहा है जिस कारण दोनों देशो के बीच हालात बिगड़ते जा रहे है।

कुछ समय पहले ही अल्पमत में आई थी सरकार-

कनाडा की संसद में 338 सीटें है तो वहीं बहुमत का आंकड़ा 170 है। विवादों के बीच खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना समर्थन वापिस ले लिया था। जिस कारण ट्रूडो सरकार ने बहुमत का आंकड़ा खो दिया था, परन्तु 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परिक्षण में दूसरी पार्टी से समर्थन हासिल होने पर ट्रूडो को एक बार फिर बहुमत मिल गया।

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