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Manvi Death Case : केक मामले में हुआ बड़ा खुलासा…रिपोर्ट देख सब रह गए हैरान, बेकरी मालिक को High Court से मिली जमानत

पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए केक और बिसरा के नमूने फोरेंसिक लैब से आए हैं, जिसमें कहा गया कि यह जहर नहीं है।

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पटियाला : जन्मदिन पर ऑनलाइन केक मंगवाकर खाने के बाद 10 वर्ष की मानवी की मौत होने के 2 महीने बाद इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए केक और बिसरा के नमूने फोरेंसिक लैब से आए हैं, जिसमें कहा गया कि यह जहर नहीं है। इसका मतलब है कि केक में कोई जहरीला पदार्थ नहीं था। हालांकि, परिवार का कहना है कि अभी पैथोलॉजी रिपोर्ट आनी बाकी है, जिसके बाद सच्चाई सामने आएगी। अब रिपोर्ट सामने आने के बाद बेकरी मालिक गुरप्रीत सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

इस संबंध में जब मानवी के नाना हरबंस लाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जो केक पुलिस को सौंपा था वह खराब था और उसमें से बदबू आ रही थी। जब कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट देखी ताे सब हैरान रह गए, जबकि केक खाने के बाद बच्ची की हालत बिगड़ी, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक केक और बिसरा दोनों में जहर नहीं था। पैथोलॉजी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। संभव है कि लड़की की मौत की असली वजह सामने आए की मौत किस कारण हुई हैं और परिवार को न्याय मिल सके।

बता दें, 24 मार्च को अपने जन्मदिन पर बेकरी से ऑनलाइन केक ऑर्डर करके खाने के बाद मानवी की मौत हाे गई थी, जिसके बाद बेकरी के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। केक पटियाला के अदालत बाजार से सटी एक बेकरी से डिलीवर हुआ था। मानवी के परिवार ने उसके जन्मदिन पर आनलाइन केक मंगवाया था, जो एक आनलाइन सिस्टम के जरिए फूड सप्लाई कंपनी ने केक मानवी के घर भेजा। कंपनी के पास काम करने वाला एक डिलीवरी ब्वाय उनको केक दे गया। परिवार ने खुशी से जन्मदिन मनाया। केक खाने के बाद मानवी की तबीयत खराब हो गई और उसको कुछ उल्टियां भी आईं।जन्मदिन मनाकर परिवार के लोग रात को सो गए। सुबह जब वह उठे तो मानवी नहीं उठी और उन्हाेंने मानवी काे डाक्टर के पास ले गए, तो डाक्टरों ने उसे मृत बताया।

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