नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड ने पूरे देश को हैरान कर दिया है। यह मामला इसलिए और भी चौंकाने वाला हो गया जब सामने आया कि सौरभ की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर की थी। हत्या के बाद उन्होंने शव के टुकड़े कर एक ड्रम में डाल दिया और फिर सीमेंट से सील कर दिया। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद दोनों आरोपी जेल में बंद हैं, और पुलिस के पास उनके खिलाफ पक्के सबूत भी हैं। लेकिन अब केस में नया मोड़ तब आया जब पता चला कि मुस्कान गर्भवती है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या जेल में प्रेग्नेंट महिला को कोई राहत मिलती है? आइए जानते है इस पूरी खबर को विस्तार से…
जेल में प्रग्नेंट महिलाओं को मिलती है ये सुविधाएं
आपको बता दें कि अगर कोई महिला कैदी जेल में रहते हुए गर्भवती हो जाती है, तो उसे अन्य महिलाओं से अगल विशेष बैरक में रखा जाता है। इसके साथ ही गर्भवती महिला को नियमित डॉक्टर की जांच, पौष्टिक खाना, दवाएं और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं दी जाती हैं।
शारीरिक श्रम नहीं करवाया जाता
जेल में प्रेग्नेंट महिला से कोई भी भारी या शारीरिक काम नहीं कराया जाता। साथ ही जेल अस्पताल के डॉक्टर लगातार उसकी सेहत की निगरानी करते हैं, ताकि गर्भावस्था सुरक्षित रहे।
सजा में छूट मिल सकती है?
इस केस में मुस्कान पर बहुत गंभीर अपराध (हत्या) का आरोप है। ऐसे मामलों में सिर्फ प्रेग्नेंट होना कानूनी सजा से बचने का आधार नहीं बनता। सिर्फ कोर्ट अगर मानवीय आधार पर निर्णय ले तो कुछ राहत दी जा सकती है। IPC और CrPC में कुछ धाराएं ऐसी हैं जो प्रेग्नेंट महिलाओं की मानवाधिकार और अजन्मे बच्चे के हक को ध्यान में रखती हैं। हालांकि, इस केस में पुलिस को ऐसा कोई आधार नहीं दिख रहा जिससे मुस्कान को राहत मिल सके।
क्या मुस्कान को जमानत मिल सकती है?
भारतीय कानून के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को मानवीय आधार पर जमानत दी जा सकती है। बता दें कि दिल्ली और बॉम्बे हाई कोर्ट पहले भी ऐसे मामलों में जमानत दे चुके हैं। लेकिन मुस्कान के केस में जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि मामला प्लानिंग से की गई हत्या का है।
अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को फांसी की सजा हो तो क्या होगा?
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 416 के अनुसार: अगर किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है और वह गर्भवती पाई जाती है, तो उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया जाता है। कारण यह है कि भारतीय कानून मानता है कि अजन्मे बच्चे का कोई दोष नहीं होता, और उसकी जान की रक्षा जरूरी है।
मुस्कान को मिलेगी सुविधा, लेकिन सजा से छूट…
मुस्कान को जेल में गर्भवती महिला के अधिकारों के तहत जरूरी मेडिकल सुविधा, अलग बैरक और देखभाल तो जरूर मिलेगी, लेकिन हत्या जैसे जघन्य अपराध में सजा से पूरी तरह छूट मिलना मुश्किल है।