मोदी सरकार देश की लोकतांत्रिक बुनियाद को हिलाने की कोशिश कर रही: राघव चड्ढा

चंडीगढ़ : देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखे जाने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मोदी सरकार सरकारी एजैंसियों का दुरुपयोग कर देश के लोकतांत्रिक बुनियाद को लगातार हिलाने की कोशिश कर रही है। भाजपा को जो भी विपक्षी दल मजबूत नजर आता.

चंडीगढ़ : देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखे जाने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मोदी सरकार सरकारी एजैंसियों का दुरुपयोग कर देश के लोकतांत्रिक बुनियाद को लगातार हिलाने की कोशिश कर रही है। भाजपा को जो भी विपक्षी दल मजबूत नजर आता है, उसके यहां सीबीआई-ईडी भेज देती है और उसके नेताओं को पकड़ कर जेल में डाल देती है। उन्होंने कहा कि आज देश की 9 प्रमुख हस्तियों ने ईडी-सीबीआई की रेड के खिलाफ प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिखने वालों में 4 वर्तमान मुख्यमंत्री एक वर्तमान उपमुख्यमंत्री और 4 पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं।

राघव चड्ढा ने कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरμतारी को लेकर देश के सभी विपक्षी नेता काफी चिंतित हैं। इसलिए सभी नेताओं ने एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा गया और अपील की कि सरकारी एजैंसियों का दुरु पयोग न करें और देश के लोकतंत्र को कमजोर न बनाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी एजैंसियों का दुरुपयोग कर मोदी सरकार देश के विपक्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है। साजिश के तहत सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं पर ही सीबीआई-ईडी की रेड करवाई जा रही है। आज जिस तरह से पक्षपातपूर्ण तरीके से सरकारी एजैंसियां कार्रवाई कर रही है उससे देश का लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है।

सीबीआई- ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक सीबीआई ने जितने भी मुकद्दमे दर्ज किए उसमें 95 प्रतिशत सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ हुए। यूपीए के समय ईडी ने मात्र 112 जगहों पर रेड की थी। लेकिन मोदी सरकार के दौरान ईडी ने 3000 से ज्यादा जगहों पर रेड की। अभी हाल ही में एक जानकारी सामने आई जिसमें बताया गया कि ईडी ने जितने भी मुकद्दमे दर्ज हुए उसमें कनविक्शन रेट मात्र 0.05 प्रतिशत है। मतलब कोर्ट में लगभग मुकद्दमे फर्जी साबित हुए। उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपाल के हस्तक्षेप की भी चर्चा की और कहा कि केंद्र सरकार राज्यपाल के माध्यम से राज्य सरकार के रोजाना के कामकाज में दखल दे रही है। यह लोकतंत्र के लिए गलत संकेत है।

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