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दर्द की इंतहा नहीं….रोती-बिलखती माएं, हाथों में बच्चों के अधजले शव…मंजर देख फट जाएगा कलेजा

Jhansi Hospital Fire: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू वार्ड में लगी आग ने 10 नवजातों की जान ले ली। जबकि 16 बच्चे जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। इस हादसे के बाद अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जो मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की.

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Jhansi Hospital Fire: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू वार्ड में लगी आग ने 10 नवजातों की जान ले ली। जबकि 16 बच्चे जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। इस हादसे के बाद अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जो मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा करती हैं। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में बीती रात ऐसा मंजर देखने को मिला कि कलेजा फट गया। रोती बिलखती माएं, हाथ में नवजातों को लेकर भागते डॉक्टर, किसी की लाश तो किसी का अधजला शरीर…अपने जिगर के टुकड़ों की हालत देखकर माएं बेहोश तक हो गई थीं। उन बच्चों के जनक, उनके पिता समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें? कोई माथे पर हाथ रखकर बैठा था, किसी महिला को उसका पति पानी पिलाकर हिम्मत बंधा रहा था।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, NISU के एक हिस्से में अचानक शार्ट सर्किट हुआ जिससे आग लग गई। यह घटना रात करीब साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच की बताई जा रही है। आग लगने की सूचना मिलते ही चाइल्ड वॉर्ड की खिड़की तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। बचाव अभियान के तहत 35 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मगर 10 को बचाया ना जा सका। घटना के वक्त अस्पताल में मौजूद एक चश्मदीद ने घटना को लेकर अलग जानकारी दी है,जो काफी चौंका देने वाला है।

नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पास माचिस जलाई-चश्मदीद
चश्मदीद ने बताया कि बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई थी। जैसे ही उसने तीली जलाई आग पूरे वार्ड में फैल गई। फिर देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। हैरानी की बात ये थी कि आग लगने की घटना के बाद भी अस्पताल में लगा फायर अलर्म भी नहीं बचा। इतना ही नहीं जो फायर एक्सटिंग्विशर वो भी एक्सपायर हो चुके थे। सिर्फ दिखाने के लिए खाली सिलेंडर यहां रखे हुए थे।

मुझे मेरा बच्चा जरुर मिलना चाहिए…
झांसी अग्निकांड के बाद परिजन मेडिकल कॉलेज परिसर में रोते बिलखते घूम रहे हैं. जिनके बच्चे चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती थे आग लगने के बाद से उनका पता नहीं है. एक पिता जिसने खुद कई बच्चों की जान बचाई उसका अपना बच्चा नहीं मिल रहा है. परेशान कुलदीप कहते हैं कि मैंने खुद अपने हाथों से चार-पांच बच्चों को बचाया, अब मेरे मेरा बच्चा नहीं मिल रहा है, मुझे मेरा बच्चा मिलना चाहिए।

लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर का मंजर कलेजा चीर देने वाला है। NISU का वार्ड पूरी तरह जला पड़ा है। अस्पताल में लगी सारी मशीनों जलकर खाक हो गई। वहीं,अस्पताल के बाहर बच्चों के परिजनों की सब रोने और चीखने की आवाज सुनाई दे रही है। झांसी के पास स्थित महोबा जिले के एक दंपति ने इस हादसे में अपने नवजात बच्चे को खो दिया है।

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