पोल्ट्री फार्म की दुर्गंध से इस गांव के लोगों ने किया लोकसभा चुनावों का बहिष्कार

वन विभाग के अधिकारी भी हुए मुंह नाक पर रूमाल रखने को मजबूर, एसडीएम से की शिकायत।

देहरा (शिव गुलेरिया) : देहरा की ग्राम पंचायत चुधरेड़ के दयाडा गांव के लोगों ने इस बार लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का मन बनाया है। ब्यास नदी किनारे बसे इस गांव के लोग पोल्ट्री फार्म से उड़ने वाली दुर्गंध से परेशान हैं। सांस लेने के साथ- साथ खाना- पीना भी इन लोगों का दूभर हो गया है। दरअसल बीते एक साल से पोल्ट्री फार्म कि दुर्गंध में जी रहे लोगों ने इसकी शिकायत कई बार आला अधिकारियों से की, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। दूसरी तरफ पोल्ट्री फार्म की दुर्गंध से वन विभाग भी परेशान है। वन विभाग के देहरा रेंज कार्यालय और रेस्ट हाउस के पास ही पोल्ट्री फार्म बनाया गया है।

वन विभाग देहरा के रेंज अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि पोल्ट्री फार्म से आने वआली दुर्गन्ध से कार्यालय के अंदर भी काम करने में परेशानी हो रही है। वह विभाग भी अब कार्यवाही करने की तैयारी में है। उन्होंने भी एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा को पोल्ट्री फार्म की दुर्गंध के बारे में शिकायत की है। वन विभाग के अधिकारी, गार्ड, कर्मचारी नाक पर रूमाल रखकर काम करने को मजबूर हैं। स्थानीय लोग भी मुंह पर मास्क पहने रहते हैं। महिलाएं भी चुनरी से अपनी नाक ढंक कर रखती हैं।

विमला देवी ने कहा कि इससे उन्हें बीमारी का भी खतरा है। इसकी शिकायत पंचायत में भी है और एस. डी. एम को भी की लेकिन कोई हल नहीं हुआ। जिन्होंने ये पोल्ट्री फार्म खोला है। उन्हें भी कई बार बोला लेकिन उन्होंने उनकी बात को अनसुना कर दिया और बोलते है कि अपनी जगह में बनाया है, जिसके लिए वो उन्हें नहीं रोक सकते है। स्थानीय निवासी अलका ने कहा कि यदि विभाग इस पर कार्यवाही नहीं करता है। तो लोक सभा चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा और जरूरी है तो धरना प्रदर्शन भी करेंगे। परिवार के सदस्यों को सांस की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

80 वर्षीय सीता देवी ने बताया कि वह बीमार रहती हैं और कुछ दिन पहले ही टांडा से घर आई हैं। लेकिन इस बदबू के बजह से सर दर्द और सांस लेने में समस्या हो रही है। देहरा में घरों और वन विभाग के रेंज ऑफिस, रेस्ट हाऊस के साथ ही मुर्गी पालन केंद्र (पोल्ट्री फॉर्म) खोल दिया गया है। इस पोल्ट्री फॉर्म से आने वाली दुर्गंध और गंदगी से ग्रामीणों का जीना दुभर हो गया है। दुर्गंध से परेशान ग्रामीणों ने समस्या की शिकायत एसडीएम से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मुंह बंदकर नाक पर रूमाल रखकर रास्ते से आने-जाने को मजबूर ग्रामीणों के घरों के साथ ही एक रास्ता भी है। जिससे बड़ा गांव के लोग, स्कूली बच्चे पैदल इस रास्ते से देहरा आते जाते हैं, जिन्हें मजबूरन मुंह नाक पर रूमाल रखकर निकलना पड़ता है। एक साल से इस बारे शिकायत पंचायत को भी की ओर एसडीएम को भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब मजबूरन दयाडा गांव के लोग लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे।

शिकायत पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा अमल नहीं किए जाने का नतीजा यह है कि वर्तमान में लोग वहां मुंह दबाकर गुजरते हैं। हवा चलने पर पोल्ट्री फॉर्म से उठने वाली दुर्गंध गांव का वन विभाग के रेंज कार्यालय व रेस्ट हाऊस तक पहुंचती है। इससे वहां संक्रामक बीमारी का खतरा बना हुआ है। आए दिन कोई न कोई बीमार भी हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही बस्ती के बीच से पोल्ट्री फॉर्म नहीं हटाया गया तो वह लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे। दूसरे मानक भी नजरअंदाज शिकायत के मुताबिक पोल्ट्री फॉर्म में कई दूसरे निर्धारित मानकों को नजरअंदाज किया गया जा रहा है। फॉर्म में साफ- सफाई के बाद वहां से निकलने वाली कचरा यानी गंदगी का उचित निस्तारण नहीं किया जाता है। फॉर्म से निकलने वाली गंदगी को इधर-उधर फेंक दिया जाता है। इससे बीमारी का खतरा और बढ़ रहा है।

शिकायत के पहले ग्रामीणों ने फॉर्म संचालक से व्यक्तिगत रूप से बस्ती के बाहर मुर्गी पालन का निवेदन किया था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ग्राम पंचायत चुधरेड़ कि प्रधान आशा का कहना है कि यदि वह एनओसी नहीं भी देती तब ये खुल जाना था। क्यों 5000 से कम मुर्गों के पालन के लिए एनओसी की जरूरत नहीं होती है। बाकी तो विभाग को नियमों अनुसार देखना चाहिए था कि नियमों अनुसार ये यहां खोला जा सकता है नहीं। इस बारे एस डी एम देहरा शिल्पी बेकटा से बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है।

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