चलना शुरू कीजिए, खुद काफिले बन जाएंगे। वो कहां पाएंगे मंजिल, जो खड़े रह जाएंगे।।

जिस प्रकार आपने दैनिक सवेरा को प्यार दिया उसी प्रकार आप लोग ‘द सवेरा टाइम्स’ से भी मोहब्बत कर रहे हैं।

प्रिय पाठको, आज आपका प्रिय दैनिक सवेरा 12 वर्ष का हो गया तथा 13वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। जब मैंने दैनिक सवेरा का प्रकाशन मां भगवती के आशीर्वाद से तथा आपके सहयोग की कामना के साथ प्रारम्भ किया था तो, मैंने यही सोचा था कि मुझे सफर प्रारम्भ करना है बस। मुझे विश्वास था कि परमपिता परमेश्वर की कृपा मुझ पर अवश्य बरसेगी। मेरे माता-पिता, भाई-बहन तथा सब दोस्त भी पूरा सहयोग करते थे मेरे साथ। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि भगवान ने मुझे ऐसे दोस्त दिए जो पग-पग पर मेरे साथ रहे और हमेशा मेरी पीठ पर हाथ रखा। मैं अपने मित्रों का यह ऋण कभी नहीं चुका सकता। मैं यह बिल्कुल नहीं कहता कि सफलता सिर्फ मेरी मेहनत या परिवार के सहयोग से ही मिलती है। इसके पीछे मेरी मां त्रिपुरमालिनी का आशीर्वाद है तथा मेरे मित्रों का भी बहुत सहयोग है।

मैं उन पुरानी यात्राओं का आज उल्लेख नहीं करूंगा, जिनमें देवी मां के आशीर्वाद से मुझे मंजिल मिली। आज मैं दैनिक सवेरा की शुरुआत और आज तक के सफर की ही बात करूंगा। जहां तक आज हम पहुंचे हैं वहां तक पहुंचने में आप सब पाठकों का बहुत बड़ा योगदान है। आपने अगर इसे स्वीकार नहीं किया होता, पढ़ा नहीं होता, अपनाया नहीं होता, आगे नहीं बढ़ाया होता, अन्य लोगों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित नहीं किया होता तो ये अपार सफलता सम्भव कहां थी। मेरे विरोधियों की बात तो छोड़ दीजिए मेरे मित्र भी चिंतित थे तथा मुझे कहते भी थे कि इतना बड़ा संघर्ष क्यों प्रारम्भ कर रहे हो। नि:संदेह कठिनाईयां भी आईं, आर्थिक हानि भी उठानी पड़ी, कठिन परिश्रम भी करना पड़ा, परंतु मुझे दृढ़ विश्वास था कि आप सबके सहयोग से मैं अपने मिशन में सफल रहूंगा, और सफलता मिली भी। मेरी सबसे बड़ी ताकत आप जो मेरे साथ थे। वास्तव में यह मेरा व्यापार तो था नहीं, धन कमाने का कोई साधन तो था नहीं। कारोबार और धन तो मुझे पहले ही बहुत दिया है मेरे प्रभु ने। मुझे निष्पक्ष पत्रकारिता की गिरती हुई साख को बचाना था।

और, यही कारण है कि पाठकों ने दैनिक सवेरा की निष्पक्षता को स्वीकार किया और आपका दैनिक सवेरा न केवल पाठकों की पहली पसंद बन गया, न केवल प्रसार संख्या में अग्रणी हो गया बल्कि विज्ञापनदाताओं को भी इसकी विश्वसनीयता का शीघ्र ही आभास हो गया। ये कोई छोटी बात नहीं है कि आपके सहयोग से हम मंजिल-दर-मंजिल हासिल करते हुए आगे से आगे बढ़ते चले जा रहे हैं। प्रसार संख्या की मंजिल तय की, बेहतरीन प्रिंटिंग की मंजिल तय की, बेहतरीन मैगजीन पेज की मंजिल तय की, स्पोर्ट्स कवरेज में सबसे आगे रहने की मंजिल तय की, आर्टिकल पेज में निष्पक्ष रहते हुए सफलता की मंजिल तय की।

और अब तो दैनिक सवेरा ने एक और बहुत बड़ा सफर प्रारम्भ कर दिया है। दैनिक सवेरा ने पिछले वर्ष अंग्रेजी दैनिक ‘द सवेरा टाइम्स’ का भी प्रकाशन प्रारम्भ कर दिया है। देश की आजादी से पहले अविभाजित पंजाब में एक अंग्रेजी अखबार शुरू हुआ था, लेकिन आजादी के बाद ‘द सवेरा टाइम्स’ ही पंजाब का पहला अंग्रेजी अखबार है, जो सफलता की नई ऊंचाईयां छू रहा है।

कुछ महीनों में ही अंग्रेजी में प्रकाशित हो रहे ‘द सवेरा टाइम्स’ ने अपनी विशेष पहचान बना ली है। मुझे खुशी इस बात की है कि जिस प्रकार आपने दैनिक सवेरा को प्यार दिया, उसी प्रकार आप लोग ‘द सवेरा टाइम्स’ से भी मोहब्बत कर रहे हैं। आज के दिन मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं आप सबका आभार व्यक्त करूं। आभार तो मुझे मेरे सभी संपादकों, पत्रकारों, एजैंटों, हॉकरों और प्रबंधकों का भी करना है। मेरा परिवार तो मेरी सबसे बड़ी शक्ति है ही। जिस प्रकार से मंजिल-दर-मंजिल आप और मैं आगे बढ़ रहे हैं, उसके लिए आप सबका धन्यवाद तथा मां भवानी का शुक्राना। दैनिक सवेरा की वर्षगांठ पर आप सबको बधाई एवं शुभकामनाएं।

दैनिक सवेरा की वर्षगांठ पर आप सबको बधाई एवं शुभकामनाएं। चलना शुरू कीजिए, खुद काफिले बन जाएंगे। वो कहां पाएंगे मंजिल, जो खड़े रह जाएंगे।। – आपका, शीतल विज।

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