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पंजाब किंग्स के मालिकों के बीच पड़ी दरार, प्रीति जिंटा ने शेयर बिक्री पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की, 20 को होगी सुनवाई

चंडीगढ़। अब जबकि आईपीएल की ज्यादातर टीमें अगले साल के शुरुआती महीने में होने वाली मेगा ऑक्शन (Mega Auction 2025) की तैयारियों में जुटी हैं, तो वहीं अब पंजाब किंग्स के मालिकों के बीच ही खटपट की खबर आ रही है। और यह मामला चंडीगढ़ हाईकोर्ट में पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार टीम की.

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चंडीगढ़। अब जबकि आईपीएल की ज्यादातर टीमें अगले साल के शुरुआती महीने में होने वाली मेगा ऑक्शन (Mega Auction 2025) की तैयारियों में जुटी हैं, तो वहीं अब पंजाब किंग्स के मालिकों के बीच ही खटपट की खबर आ रही है। और यह मामला चंडीगढ़ हाईकोर्ट में पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार टीम की सह-मालिक और अभिनेत्री प्रीति जिंटा कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने कंपनी के सह-मालिक मोहित बर्मन के खिलाफ चंडीगढ़ जिला न्यायालय में याचिका दायर की है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की मेगा नीलामी से पहले फ्रेंचाइजी (केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड) में चीजें ठीक नहीं चल रही थीं। याचिका में उन्होंने मोहित बर्मन के 11.5 फीसदी शेयर किसी और को बेचने पर रोक लगाने की मांग की है।

कोर्ट ने इस मामले में बर्मन को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को पूरी होगी। याचिका के अनुसार कंपनी के चार बड़े शेयरधारक हैं। बर्मन के पास केवीएच में सबसे ज्यादा 48 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि प्रीति जिंटा और नेस वाडिया के पास 23-23 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि बाकी शेयर चौथे शेयरधारक करण पॉल के पास हैं। याचिका के अनुसार प्रीति जिंटा का कहना है कि मोहित बर्मन अपने 11.5 फीसदी शेयर किसी दूसरी पार्टी को बेचने की बात कर रहे हैं।

प्रीति ने आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट 1996 के तहत बर्मन को ये शेयर बेचने से रोकने के लिए याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी शेयरधारक उस स्थिति में अपने शेयर समूह से बाहर बेच सकता है, जब बाकी शेयरधारक उन शेयरों को खरीदने से इनकार कर रहे हों। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। बाकी शेयरधारक इन शेयरों को खरीदने से इनकार नहीं कर रहे हैं। बर्मन ने भी अपने शेयर बेचने से इनकार किया है। पंजाब किंग्स ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

जिंटा ने एसोसिएशन के उपनियमों के अनुच्छेद 19 पर प्रकाश डाला है। जो मौजूदा निवेशकों के पहले इनकार के अधिकार (आरओएफआर) से संबंधित है। कोर्ट ने कहा कि शुरुआत में हिस्सेदारी बेचने की पेशकश के बाद बर्मन पीछे हट गए। लेकिन अमेरिकी कंपनी के साथ डील की बातचीत जारी है।

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