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Mumbai Attack 2008 : हर एक जख्म का हिसाब होगा, 17 साल बाद भारत आ रहा Tahavvur Rana… जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

नेशनल डेस्क : 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को दहला दिया था। इस हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी तहव्वुर राणा की अब भारत वापसी लगभग तय हो चुकी है, जिससे मुंबई हमलों के पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि, इन हमलों.

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नेशनल डेस्क : 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को दहला दिया था। इस हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी तहव्वुर राणा की अब भारत वापसी लगभग तय हो चुकी है, जिससे मुंबई हमलों के पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि, इन हमलों में मुंबई ने जो खोया, उसकी भरपाई संभव नहीं, लेकिन राणा को सजा दिलवाकर इन जख्मों पर कुछ हद तक मरहम जरूर लगाया जा सकता है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

तहव्वुर राणा का इतिहास और गिरफ्तारी

तहव्वुर राणा ने 26/11 के हमलों की साजिश रची थी और वह कई सालों से एक अन्य मामले में अमेरिकी जेल में बंद था। भारत सरकार ने 2019 से उसे देश वापस लाने की कोशिशें शुरू की थीं, जो अब सफल होती नजर आ रही हैं। तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल 2025 तक भारत लाया जा सकता है, और उसे NIA की कस्टडी में रखा जाएगा।

तहव्वुर राणा से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम

2009: तहव्वुर राणा को डेनमार्क के एक अखबार पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

2011: उसे अखबार पर हमले के मामले में दोषी ठहराते हुए 13 साल की सजा दी गई।

2019: भारत ने राणा के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिका को कूटनीतिक नोट सौंपा।

2020: भारत ने उसकी अस्थाई गिरफ्तारी के लिए औपचारिक शिकायत दर्ज की।

13 नवंबर 2024: राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दायर की।

16 दिसंबर 2024: अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से राणा की याचिका खारिज करने की अपील की।

21 जनवरी 2025: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी, जिससे उसका प्रत्यर्पण भारत की ओर आगे बढ़ सका।

फरवरी 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी।

7 मार्च 2025: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के स्वास्थ्य कारणों से याचिका को खारिज कर दिया।


भारत वापसी और न्याय का रास्ता

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा राणा की याचिका खारिज किए जाने के बाद अब उसकी भारत प्रत्यर्पण प्रक्रिया अंतिम चरण में है। राणा ने कोर्ट में अपने स्वास्थ्य और यातना का हवाला देकर जमानत की मांग की थी, लेकिन उसका यह पैंतरा भी नाकाम हो गया। अब उसे भारत लाया जा रहा है, जहां वह NIA की कस्टडी में रहेगा।

मुंबई हमलों के पीड़ितों को मिलेगा न्याय

राणा की भारत वापसी के बाद, मुंबई के हमले में मारे गए 174 से ज्यादा लोगों के परिवारों को न्याय मिल सकता है। यह साबित करेगा कि अपराध चाहे जितना भी बड़ा हो, किसी न किसी दिन न्याय जरूर मिलेगा। राणा को अब भारत में सख्त सजा मिलेगी और इससे मुंबई हमलों के पीड़ितों को थोड़ी राहत मिलेगी। मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण अब सुनिश्चित हो चुका है। उसकी वापसी से न केवल भारत को न्याय मिलेगा, बल्कि यह संदेश भी जाएगा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया एकजुट होकर कार्रवाई कर रही है। राणा की सजा, मुंबई के जख्मों पर एक मरहम साबित हो सकती है।

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