केन्द्रीय कृषि मंत्री Shivraj Singh Chauhan ने राज्यसभा में कांग्रेस को जमकर घेरा, कहा, कांग्रेस के दिल में कभी किसान नहीं रहे

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहन ने राज्यसभा में विपक्षी पार्टी कांग्रेस को जमकर घेरा। इस दौरान कांग्रेस के दिल में कभी किसान नहीं रहे। लाल किले की प्राचीर से नेहरू जी, इंदिरा जी और राजीव जी ने किसान कल्याण और कृषि विकास पर ज्यादा चर्चाएं नहीं की, कई साल तो किसानों का.

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहन ने राज्यसभा में विपक्षी पार्टी कांग्रेस को जमकर घेरा। इस दौरान कांग्रेस के दिल में कभी किसान नहीं रहे। लाल किले की प्राचीर से नेहरू जी, इंदिरा जी और राजीव जी ने किसान कल्याण और कृषि विकास पर ज्यादा चर्चाएं नहीं की, कई साल तो किसानों का नाम भी नहीं लिया। कांग्रेस की तत्कालीन राज्य सरकारों में हरियाणा, मध्यप्रदेश, बिहार, मेरठ में किसानों पर गोलियां चली। राहुल गांधी रील दिखने के लिए कैमरामेनों के साथ खेत में रील बनाने जाते हैं। प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि मिशन हमारी सरकार का लक्ष्य है। पीएम मोदी के नेतृत्व में कृषि निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

 

हमारी सरकार के विजन किसानों को डिजिटल आइडेंटिटी दी जा रही है, सरकार मिशन के तौर पर काम कर रही है। फसलों के विविधीकरण पर काम किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती हमारे प्रधानमंत्री जी विजन है। मैं सभी सांसदों से अनुरोध कर रहा हूं कि एक बार कृषि विज्ञान केंद्र जरूर जाएं। इसके बाद कहा कि लैब रिसर्च को लैंड तक ले जाना हमारा विजन है। वन हेल्थ अप्रोच पर हम काम कर रहे है, जो मानव पशु पौधे और पर्यावरण स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को उजागर करता है। हमारा मंत्रालय बीज की 1500 से ज्यादा नई किस्म तैयार कर रहा है। 18 हजार करोड़ रुपए के निवेश के साथ 100 एक्सपोर्ट ओरिएंटेड बागवानी क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। आधुनिक पोस्ट हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश कर रहे हैं। ई नाम 2.0 का शुभारंभ और अतिरिक्त 1500 मंडियों के एकीकरण का काम किया जा रहा है।

6,800 करोड रुपए के निवेश के साथ हम तिलहन मिशन की शुरुआत कर आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बहुआयामी अप्रोच के माध्यम से बीज क्षेत्र के विकास पर जोर दिया जा रहा है। 50 हजार गांवों को जलवायु अनुकूल ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए हम साहसिक पहल करने जा रहे हैं। सूक्ष्म सिंचाई के तहत एक करोड़ 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने की योजना पर काम किया जाएगा। हम अगले दो वर्षों में 200 जिलों में मौजूद फसल प्रणाली में 2500 पारंपरिक किस्म को वापस लाने पर बल दे रहे हैं।
अगले 5 वर्षों में आदर्श दलहन और तिलहन गांव के विकास पर हम काम करेंगे हमारा लक्ष्य है कि हम दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करें। वहीं कहा कि मिशन मोड पर जलवायु अनुकूल कृषि पर काम किया जा रहा है।

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