इंटरनेशनल डेस्क: काठमांडू में शुक्रवार को नेपाल में राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर बड़े विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, इमारतों और वाहनों में आग लगा दी, और पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां दागीं। राजधानी में तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न हो गया, और प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया पथराव
यह झड़प उस समय शुरू हुई जब प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने कई महत्वपूर्ण इमारतों में आग लगा दी, जिसमें एक शॉपिंग मॉल, एक राजनीतिक दल का मुख्यालय और एक मीडिया हाउस भी शामिल है। इस हिंसा में 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
#WATCH | Nepal: A clash broke out between pro-monarchists and Police in Kathmandu near the airport. Several rounds of tear gas and rubber bullets fired by the Police. Vehicles and a house torched. Curfew ordered in Tinkune, Sinamangal and Koteshwor area.
Visuals from Kathmandu… pic.twitter.com/Be0Emk8EjO
— ANI (@ANI) March 28, 2025
इन इलाकों में लगा कर्फ्यू
काठमांडू के बनेश्वर, तिनकुने और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को कर्फ्यू लगा दिया गया। जिला प्रशासन ने इस आदेश को शाम 4:25 बजे से लेकर रात 10 बजे तक लागू किया। कर्फ्यू के दौरान इन इलाकों में आवाजाही और प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा। कर्फ्यू का क्षेत्र गौशाला से हवाई अड्डे, गौरिगांव, तिनकुने और कोटेश्वर तक फैला हुआ है।
“राजा आओ, देश बचाओ” के लगाए नारे
प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के साथ पूर्व राजा ग्यानेंद्र शाह की तस्वीरें हाथ में ले कर “राजा आओ, देश बचाओ”, “भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद” और “हमें राजशाही चाहिए” जैसे नारे लगाए। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और कई युवाओं को कर्फ्यू तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
2008 में राजशाही को समाप्त कर दिया था
नेपाल में 2008 में राजशाही को समाप्त कर दिया गया था और देश को धर्मनिरपेक्ष, संघीय और लोकतांत्रिक गणराज्य बना दिया गया था। हालांकि, हाल ही में राजशाही की बहाली की मांग फिर से तेज हो गई है। खासकर 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस पर पूर्व राजा ग्यानेंद्र शाह ने जनता से समर्थन की अपील की थी। ग्यानेंद्र के धार्मिक यात्रा से लौटने पर बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया।