नेशनल डेस्क: भारत ने अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी है, जिसके तहत 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) खरीदे जाएंगे। यह सौदा 62,000 करोड़ रुपये से अधिक का है और इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से किया जाएगा। यह सौदा भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के लिए है, और हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित HAL के संयंत्रों में होगा।
सौदा भारत के लिए महत्वपूर्ण कदम
इस सौदे को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शुक्रवार को मंजूरी दी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह सौदा भारत के लिए महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर ऑपरेशन्स के लिए किया जाएगा। इन हेलीकॉप्टरों से देश में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को इस सौदे के लिए निविदा पिछले साल जून में मिली थी। इस सौदे में भारतीय वायुसेना प्रमुख एक प्रमुख एजेंसी के रूप में शामिल है।
जानें एलसीएच की खूबियां
एलसीएच (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर), जिसे “प्रचंड” के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया का एकमात्र हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और वहां उतर सकता है। यह हेलीकॉप्टर खासतौर पर सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचे क्षेत्रों में संचालन के लिए आदर्श है। प्रचंड हेलीकॉप्टर हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट करने की क्षमता भी रखता है।
आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी छलांग
यह सौदा भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के तहत किया गया है, जिससे रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी छलांग लगेगी। भारत पहले ही स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के लिए 83 विमानों का ऑर्डर दे चुका है और 97 और विमानों का ऑर्डर देने की प्रक्रिया में है। हाल ही में सरकार ने 307 एटीएजीएस हॉवित्जर के सौदे को भी मंजूरी दी है, जिसमें 7,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह सौदा भारत फोर्ज और टाटा समूह के बीच विभाजित होगा।