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CBI Raid : CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली- NCR और हरियाणा में 11 जगहों पर मारे छापे…

नेशनल डेस्क : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने साइबर अपराध से जुड़े एक मामले में दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के हिसार में 11 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान CBI ने 1.08 करोड़ रुपये नकद, सोना और अन्य महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत बरामद किए हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से… छापेमारी में मिली बड़ी.

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नेशनल डेस्क : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने साइबर अपराध से जुड़े एक मामले में दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के हिसार में 11 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान CBI ने 1.08 करोड़ रुपये नकद, सोना और अन्य महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत बरामद किए हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

छापेमारी में मिली बड़ी रकम और सामान

दरअसल, CBI ने साइबर अपराध से जुड़ी जांच के तहत यह छापेमारी की, जिसमें 1.08 करोड़ रुपये नकद, 1000 अमेरिकी डॉलर, 252 ग्राम सोना और कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए। इन उपकरणों में 6 लैपटॉप, 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड शामिल हैं, जो जांच के लिए अहम हैं।

खुलासा कैसे हुआ?

CBI ने यह कार्रवाई अपने चल रहे मामले (RC 14/2023) की जांच के तहत की। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66D के तहत केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके लोगों से ठगी कर रहे थे। वे तकनीकी सहायता देने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते थे और उनकी कमाई को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर अलग-अलग खातों में भेज देते थे।

गिरोह के सदस्य कौन थे ?

इस मामले में CBI ने पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन आरोपियों पर जबरन वसूली (धारा 384 IPC) का भी आरोप है। छापेमारी के दौरान यह जानकारी मिली कि आरोपी अवैध VoIP कॉलिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे थे और डार्कनेट (इंटरनेट का गुप्त हिस्सा) के माध्यम से ठगी का नेटवर्क चला रहे थे।

CBI यह पता लगाने की कोशिश कर रही कि…

हालांकि, CBI अब इस मामले की और गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह के तार कहां-कहां जुड़े हुए हैं। जांच के दौरान CBI यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि आरोपियों ने कितने लोगों को ठगा और अब तक कितना पैसा हेरा-फेरी किया। गिरोह के नेटवर्क का विस्तार कितने स्थानों तक हुआ है, इसका पता लगाना भी CBI के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि ठगी के शिकार सभी लोगों को न्याय मिल सके।

भारत में बढ़ते साइबर अपराध

आपको बता दें कि भारत में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। विशेष रूप से, फर्जी कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों को निशाना बनाना और उनकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर धोखाधड़ी करना एक आम तरीका बन चुका है। ऐसे मामलों में CBI और अन्य एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं और कई गिरोहों का पर्दाफाश भी किया है। हालांकि, साइबर अपराधियों की तकनीकी क्षमताओं के साथ-साथ ठगी के नए-नए तरीकों से इन अपराधों का मुकाबला करना अब और भी मुश्किल हो गया है।

अपराधियों को सख्त संदेश

CBI की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि वे कानून से बच नहीं सकते। भले ही वे तकनीकी और अन्य तरीकों से अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करें, लेकिन CBI और अन्य जांच एजेंसियां उन्हें पकड़ने के लिए हमेशा तत्पर हैं। भविष्य में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सजा दिलवाने के लिए कड़ा कदम उठाया जाएगा। यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि साइबर अपराधों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

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