बिहार : बिहार में एक भाजपा कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी गायिका देवी द्वारा गाए गए गाने को लेकर विवाद पैदा हो गया। यह घटना 25 दिसंबर को पटना में आयोजित कार्यक्रम में घटी, जब भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस के मौके पर ‘मैं अटल रहूंगा’ नाम से एक बड़ा आयोजन किया। इस कार्यक्रम में भोजपुरी गायिका देवी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके एक गाने को लेकर भाजपा के सदस्यों ने बवाल मचा दिया। आइए जानते है इस पूरी घटना को विस्तार से…
जानिए क्या हुआ था कार्यक्रम में..
दरअसल, भोजपुरी गायिका देवी ने कार्यक्रम में महात्मा गांधी का प्रसिद्ध भजन “रघुपति राघव राजा राम-पतित पावन सीता राम” गाना शुरू किया। जैसे ही उन्होंने यह भजन गाना शुरू किया, भाजपा के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद, गायिका देवी को माफी मांगनी पड़ी। यह गाना शुरू होते ही भाजपा के सदस्य नाराज हो गए, जिसके कारण हंगामा खड़ा हो गया।
गायिका ने मांगी माफी
गायिका देवी ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी और माफी मांगने के बाद कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ मानवता का संदेश देना था। उन्होंने कहा कि “हमें हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी एक होने चाहिए। महात्मा गांधी का यह भजन इसी एकता का प्रतीक है।” देवी ने यह भी कहा कि उनका विश्वास है कि “मानवता सबसे बड़ा धर्म है”, और उन्होंने सभी को मानवता का पालन करने का आह्वान किया।
ईश्वर के नाम अनेक पर ….
देवी ने आगे कहा, “अगर किसी को मेरे गाने से दुख पहुंचा है तो मैं उनसे माफी चाहती हूं, लेकिन मेरा मानना है कि ईश्वर के कई नाम हैं। कुछ लोग उन्हें ‘गॉड’ कहते हैं, कुछ ‘राम’ कहते हैं और कुछ ‘अल्लाह’ कहते हैं। लेकिन इन सभी का उद्देश्य एक ही है, वह है भगवान।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग उनके गाने की पूरी लाइन नहीं सुन पाए और सिर्फ एक हिस्से पर ध्यान केंद्रित कर लिया, जिससे समस्या हुई।
गायिका ने दिया संदेश
भोजपुरी गायिका ने अपने फैन्स से कहा कि “कभी-कभी हमारी छोटी-सी बात भी किसी को बुरी लग सकती है। अगर मेरी बात से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं माफी मांगती हूं।” इसके साथ ही, उन्होंने लोगों से मानवता का धर्म अपनाने की अपील की और कहा कि सभी को एकता और भाईचारे के साथ रहना चाहिए।
इस पूरे मामले ने बिहार में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, लेकिन गायिका देवी ने अपनी भावनाओं का सही तरीके से स्पष्ट किया और इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की।